लोभ रुपी मैल से मुक्ति पाकर आत्मा को निर्मल करना ही उत्तम शौच धर्म है

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धर्म परायण नगरी डिग्गी में शांतिनाथ जिनालय साधना केन्द्र में आचार्य 108 श्री इन्द्रनंदी जी महाराज स संघ के पावन सानिध्य में चल रहे दश लक्षण महापर्व महोत्सव के चोथे रोज उत्तम शौच धर्म की हुई पूजा एवं जैन धर्म के नौवें तीर्थकर पुष्पदंत भगवान का मोक्ष कल्याण का निर्वाण लाडू चढ़ाया गया हर्षोल्लास पूर्वक

लोभ रुपी मैल से मुक्ति पाकर आत्मा को निर्मल करना ही उत्तम शौच धर्म है

आचार्य

इन्द्र नंदी जी महाराज

डिग्गी/फागी संवाददाता

धर्मपरायण नगरी डिग्गी में शांतिनाथ जिनालय साधना केन्द्र में विराजमान आचार्य श्री इन्द्रनंदी जी महाराज, मुनि श्री उत्कृष्ट सागर जी महाराज स संघ के पावन सानिध्य में अग्रवाल समाज 84 के तत्वाधान में अग्रवाल सेवा सदन में चल रहे दशलक्षण महापर्व के चोथे रोज उत्तम शौच धर्म की पूजा हुई ,कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया की शांति नाथ जिनालय में प्रातः अभिषेक, शांतिधारा के बाद विभिन्न धार्मिक क्रियाएं हुई,कार्यक्रम में अग्रवाल समाज 84 के अध्यक्ष अनिल सूराशाही ने बताया कि जैन धर्म के नौवें तीर्थंकर पुष्पदंत भगवान का जयकारों के साथ सामूहिक रूप से मोक्ष कल्याण का श्री जी के समक्ष निर्वाण लाडू चढ़ाकर सुख समृद्धि की कामना की गई।उक्त कार्यक्रम में मिलाप चंद – श्रीमती ललिता देवी, शांतिलाल ,कैलाश चंद्र भागचंद प्रमोद कुमार गोयल परिवार पचेवर निवासी मदनगंज किशनगढ़ वालों ने श्री जी की महाशांति धारा करने का सोभाग्य प्राप्त किया,इसी कड़ी में चौथ का बरवाड़ा अग्रवाल जैन समाज ने आचार्य श्री को पंचकल्याणक महोत्सव हेतु आमंत्रित किया एवं बरवाडा अग्रवाल जैन समाज की तरफ से सामूहिक रूप से आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन कर जिनवाणी भेंट की गई,कार्यक्रम में पूज्यार्थियों द्वारा पंचपरमेष्ठी भगवान,मूलनायक शांति नाथ भगवान, देव, शास्त्र, गुरु की पूजन, पंच मेरु पूजन, नव देवता पूजन, सोलह कारण पूजन, दस लक्षण पूजन,24 भगवान की पूजन तथा निर्वाण क्षेत्रों की पूजा सहित अनेक पूजा पूजाएं कर सुख समृद्धि की कामना की, कार्यक्रम में आचार्य श्री ने आज उत्तम शौच की व्याख्या करते हुए श्रृद्धालुओं को अपनी मंगलमय वाणी से उत्तम शौच धर्म पर बताया कि उत्तम शौच का तात्पर्य अपनी आत्मा को पवित्र करना ही उत्तम शौच धर्म है, पांच पापों से मुक्ति और मन में संतोष को धारण करना शौच धर्म कहा गया है,लोभ का त्याग करना ही शौच धर्म है, मनुष्य लोभ में फंसकर पाप की और अग्रसर होता है, अतः लोभ रूपी मैल से मुक्ति पाकर आत्मा को निर्मल करना ही उत्तम शौच धर्म है।कार्यक्रम में मुनि सेवा समिति के मंत्री विमल कुमार जैन एवं फागी पंचायत के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा ने बताया कि सौधर्म इंद्र गोविंद जैन -श्रीमती राज जैन जर्मन वालों ने सभी इन्द्रों के साथ विधान पर 17 अर्घ्यअर्पित कर सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की ओर बताया कि उक्त कार्यक्रम आचार्य इन्द्र नंदी जी महाराज स संघ के पावन सानिध्य में, मुनि सेवा समिति अग्रवाल समाज 84 के तत्वाधान में, सकल दिगम्बर जैन समाज डिग्गी के सहयोग से पंडित बृजेश शास्त्री के दिशा निर्देश में विभिन्न मंत्रोच्चारणों के द्वारा किया जा रहा है।उक्त कार्यक्रम में अग्रवाल समाज 84 के अध्यक्ष अनिल सूराशाही,कोषाध्यक्ष महेंद्र कुमार जैन पराना , फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा, सत्यप्रकाश जैन चित्रकूंट
सांगानेर,अग्रवाल सेवा सदन डिग्गी के संचालक गोविंद जैन एवं प्रकाश जैन डिग्गी, महावीर प्रसाद जैन,मिलाप चंद गोयल पचेवर,पदम चंद जैन पचेवर, विमल कुमार जैन पचेवर,सीताराम जैन, हरिशंकर गर्ग,बिरधी चंद जैन मालपुरा, भागचंद जैन परवण मालपुरा ,पदम जैन पीपलू वाले निवाई, तथा राजाबाबू गोधा फागी सहित सभी पदाधिकारी गण श्रावक श्राविकाएं मोजूद थे।

राजाबाबू गोधा जैन महासभा मीडिया प्रवक्ता राजस्थान

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