नई दिल्लीः प्राचीन श्री अग्रवाल दिगंबर जैन पंचायत द्वारा लालकिला मैदान के भव्य पंडाल में मुनि श्री प्रणम्य सागरजी महाराज के सान्निध्य में आयोजित दशलक्षण महापर्व में सातवें दिन बुधवार को उत्तम तप धर्म की पूजा अर्चना भक्तिभाव से की गई। इस अवसर पर लोकसभाध्यक्ष ओम बिरला ने श्रीफल अर्पित कर मुनिश्री को भावभीनी विनयांजलि अर्पित की। दिगंबर मुनि के दर्शन से भावविभोर ओम बिरला ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे आचार्य श्री विद्यासागरजी के दर्शन और मार्गदर्शन का भी अवसर मिला है। मुझे जैन धर्म, दर्शन और संतों का सान्निध्य शुरू से ही मिलता रहा है। दशलक्षण महापर्व दुनिया का अनोखा पर्व है जो आत्मसाधना की पारकाष्ठा तक ले जाता है। जैन धर्म ने दुनिया को अहिंसा का संदेश दिया जो सबसे बडा धर्म है। मुनि श्री ने कहा कि व्रत, उपवास और तपस्या से ही मनुष्य का भौतिक और नैतिक विकास होता है। मनुष्य में अपना विरोध और निंदा सुनने की सामर्थ्य भी होनी चाहिए ऐसा व्यक्ति ही जीवन में उच्च पद को प्राप्त करता है, ओम बिरला जी हमारे सामने इसके साक्षात प्रतीक हैं। जैन समाज दिल्ली के अध्यक्ष चक्रेश जैन, अशोक पाटनी आदि ने बिरला जी का माल्यार्पण व मुकुट पहनाकर भावभीना स्वागत किया। इस मौके पर बिरला जी ने मुनिश्री की पुस्तक नवशतकम और एक कलैंडर का विमोचन भी किया। बिरला जी को ‘ भरत का भारत ‘ ऐतिहासिक चित्र भेंट किया। समारोह में पीके जैन, कुलदीप जैन, ललित जैन, पुनीत जैन, सुशीला पाटनी, कविता जैन, मनोज जैन, जिनेंद्र जैन, कैलाश जैन, नीरज जैन, भरत जैन आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।
प्रस्तुतिः रमेश जैन एडवोकेट नवभारत टाइम्स नई दिल्ली
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