कोटा नगरी में परम पूज्य गणिनी आर्यिका विभाश्री माताजी का पावन वर्षायोग चातुर्मास कलश स्थापना समारोह श्रद्धा भक्ति ओर समर्पण के साथ हर्षौल्लास के वातावरण में सम्पन्न

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कोटा नगरी में परम पूज्य गणिनी आर्यिका विभाश्री माताजी का पावन वर्षायोग चातुर्मास कलश स्थापना समारोह श्रद्धा भक्ति ओर समर्पण के साथ हर्षौल्लास के वातावरण में सम्पन्न
(रिमझिम बारिश के बीच सुने मंगल प्रवचन )

कोटा। श्री दिगंबर जैन मंदिर विज्ञान नगर, कोटा में गणिनी आर्यिका विभाश्री माताजी के पावन वर्षायोग 2025 के लिए चातुर्मास कलश स्थापना का भव्य आयोजन दृढ़ भक्ति समर्पण के साथ किया गया। मंदिर समिति के अध्यक्ष राजमल पाटोदी ने बताया पारस जैन ” “पार्श्वमणि” पत्रकार को बताया कि प्रातःकाल मंदिर अभिषेक एवं शांति धारा की गई। मुख्य समारोह का प्रारंभ वीरेंद्र पांड्या परिवार ने ध्वजारोहण कर किया। आचार्य विराग सागर महाराज एवं आचार्य विशुद्ध सागर महाराज के चित्र का अनावरण सकल दिगंबर जैन समाज समिति एवं दीप प्रज्ज्वलन दिगंबर जैन मंदिर समिति विज्ञान नगर द्वारा किया गया। गुरु मां का पाद प्रक्षालन शकुंतला पांड्या ने किया एवं शास्त्र भेंट पवन ठौरा एवं मुकेश जैन खटोड़ द्वारा किया गया।चातुर्मास समिति के लिए विनोद टौरड़ी को अध्यक्ष एवं रितेश सेठी को महामंत्री बनाया गया।नृत्य के साथ मंगलाचरण रचिता, रूबी, रिया एवं प्रियंका द्वारा भाव पूर्ण प्रस्तुत किया गया।विभिन्न कलशों की स्थापना मंदिर समिति के महामंत्री अनिल ठौरा ने बताया कि चातुर्मास हेतु मुख्य मंगल कलश विराग विशुद्ध विभा मंगल कलश मनोज आशीष जैसवाल ने स्थापित किया। 11 सहस्रनाम कलश पुण्यार्जक परिवारों द्वारा स्थापित किए गए। 21 भक्तामर महास्तोत्र मंगल कलश स्थापित किए गए। द्वितीय मुख्य मंगल कलश भी स्थापित किया गया, इस हेतु पुण्यार्जक परिवारों के नाम संकलित किए गए।
वर्षा में भी नहीं रुका गुरु वाणी का प्रवाह
गणिनी आर्यिका विभाश्री माताजी ने उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि जीवन में यदि दान के माध्यम से पुण्य का संचय कर लिया जाए तो यह पुण्य अगले जन्म में भी साथ चला जाता है, जबकि धन साथ जाने वाला नहीं है। इसलिए यथायोग्य पुण्य का अर्जन करते रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि चातुर्मास हेतु जो कलश स्थापित किए गए हैं, चार माह तक सहस्रनाम के मंत्रों के साथ वे मंत्रित होते रहेंगे। प्रवचन के दौरान वर्षा आरंभ हो गई, किंतु श्रद्धालु बिना विचलित हुए माताजी की वाणी का श्रवण करते रहे। कार्यक्रम में वर्षा का आ जाना वास्तविक वर्षायोग का एक सुखद संकेत है।
तीर्थ रक्षा कलश और अखंड ज्योति
मंदिर समिति के मंत्री पी.के. हरसोरा ने बताया कि एक तीर्थ रक्षा कलश, जिसकी राशि तीर्थों के जीर्णोद्धार में लगाई जाएगी, उसे भी स्थापित किया गया। अखंड ज्योति भी स्थापित की गई। भक्ति नृत्य अंतिमा, श्वेता, अलका, नीतिका, दीक्षा एवं जयंती द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के दौरान ही इंद्र देवता ने भी प्रसन्न होकर वर्षा प्रारंभ कर दी।
वर्षा में भी जारी रहा प्रवचन जारी बारिश भी माताजी की वाणी के प्रवाह को नहीं रोक सकी एवं उपस्थित श्रद्धालु बारिश में भी माताजी की वाणी का श्रवण करते रहे। गुरु मां की आरती का पुण्यार्जन गिराज कुमार ने प्राप्त करते हुए माताजी की आरती की।
कार्यक्रम समापन पर विधि-विधान के साथ कलशों को मंदिर जी में स्थापित किया गया। ये कलश चातुर्मास के दौरान मंदिर जी में विराजित रहेंगे, तत्पश्चात इन्हें पुण्यार्जक परिवारों को दे दिया जाएगा। 14 जुलाई से प्रतिदिन प्रातः 8 बजे तत्त्वार्थ सूत्र की कक्षा पूरे चातुर्मास के दौरान चलेगी।कार्यक्रम में सकल दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष प्रकाश बज, महामंत्री पदम बडला, कोषाध्यक्ष जितेंद्र हरसोरा, ताराचंद बडला, पूर्व अध्यक्ष विमल नांता, पूर्व महामंत्री विनोद टौरड़ी, दीपक डीसीएम, रितेश सेठी, पारसमल धनोपिया, राजू गोधा, लोकेश जैन, महावीर युवा मंडल के कार्यकर्ता एवं विज्ञान नगर महिला मंडल के सदस्य एवं कोटा नगर के मंदिरों के अध्यक्ष एवं मंत्री भी उपस्थित रहे एवं कार्यक्रम में चंद्रप्रकाश कोटिया, विमल जैन वर्धमान ज्वैलर्स, लोकेश जैन सिसवाली, अशोक पाटनी, ईश्वर सोनी, राजेश सोनल सेठिया, जितेंद्र हरसोरा, अंकित जैन, पारस बज भी उपस्थित थे।नागौर, देवेंद्र नगर, मंडाना, झांसी, सुसनेर, कोडरमा, सुजानगढ़, जयपुर, इंदौर, सीकर, बूंदी, बारा, भोपाल, पथरिया, भवानी मंडी, पिडावा सहित अनेक शहरों से आए 500 श्रद्धालुओं ने उपस्थित रहकर गुरु मां का आशीर्वाद प्राप्त किया।

सादर प्रकाशनार्थ सम्पादक महोदय
भवदीय
​अनिल ठोरा

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