कोलकोत्ता से आये तरुणधाम में 400 यात्री को अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महामुनिराज का मंगल आशीर्वाद मिला।

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कोलकोत्ता से आये तरुणधाम में 400 यात्री को अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महामुनिराज का मंगल आशीर्वाद मिला।
तरुणसागरम तीर्थ/कोडरमा-अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागरजी महाराज एवं उपाध्याय 10 पियूष सागरजी महाराज ससंघ तरुणसागरम तीर्थ पर वर्षायोग हेतु विराजमान हैं उनके सानिध्य में वहां विभिन्न धार्मिक
कार्यक्रम संपन्न हो रहें हैं इसी श्रृंखला में कोलकोत्ता से आये अष्टापद महावंदना के 400 यात्री को अन्तर्मना ने अपने मौन आशीर्वाद दिया और साथ मे उपाध्याय श्री108 पीयूष सागर जी महाराज ने अपना मंगल आशीर्वाद देते हुवे कहा कि अष्टापद की यात्रा बहुत ही दुर्गम है जब तक भगवान का बुलावा नहीं आता है तब तक वहां जाना असंभव है आप सभी बहुत पूण्य शाली जीव हैं जो आप सभी अष्टापद की यात्रा को जा रहे हैं आप सभी इस यात्रा में रात्रि भोजन त्याग करते हुवे छोटे-छोटे नियम और संकल्प लेकर यात्रा को प्रारंभ करें साथ ही सभी कोई एक दूसरे का सहयोग करते हुए शांत और निर्मल भाव के साथ यात्रा करे ओर सेल्फी और फोटो पर कम ध्यान देकर वहां के वातावरण ओर वहां के वर्गणाओं को अधिक से अधिक ग्रहण करें इस अवसर पर अन्तर्मना आचार्य श्री108 प्रसन्न सागर महामुनिराज ने अपने मौन वाणी से उपस्थित महायात्री गण को अपने उवाच में बताया कि
जरा सा क्रोध, हमारी ज़िन्दगी की तमाम खुशियों और खुश्बूओं को खत्म कर जाता है। मतलब क्रोध और अहंकार हमारी खुशी और खुश्बूओं का हत्यारा है। आज मनुष्य के जीवन में दो बुराइयां है। है। जिस कारण से जन जीवन में दुःख, परेशानी, और चिन्तायें बढ़ रही है। एक 1 gor गुस्सा, और दूसरा जिद। महिलायें जिद करना छोड़ दे, और पुरुष गुस्सा करना छोड़ दे, तो घर-परिवार और जीवन, आज, अभी, इसी वक्त स्वर्ग बन जाये। ज़िद एक ऐसी दीवार है, कि अगर पति पत्नी के बीच में आ गई-तो वह तोड़ना मुश्किल है।

यूं तो दुनिया की सबसे बड़ी दीवार चाइना की दीवार है। इस दीवार को बनाने में 200 साल लगे, और जिसे लाखों मजदूरों ने मिलकर बनाया। मगर इस चाइना की दीवार से भी बड़ी जिद की दीवार है। इसे बनने में ज्यादा देर नहीं लगती, सेकंडो में बन जाती है, और फिर इसे ढहाने में जिंदगी भी कम पड़ जाती है। तो महिलाएं जिद करना, हठ करना छोड़ दें, और भाई लोग गुस्सा करना छोड़ दें, तो परिवार की आधी समस्याएं आज ही खत्म हो जाए। हमसफर को दोस्त समझें। पति के लिये पत्नी से बढ़कर और पत्नी के लिये पति से बढ़कर, कोई दूसरा दोस्त नहीं हो सकता। अगर आपस में सलाह, मशवरा करके ज़िन्दगी के फैसले लें तो सब समस्या घर परिवार की समाप्त हो जाये। जीवन सूकून से गुजर जाये…!!!इस अवसर पर अष्टापद महावन्दना के सभी पदाधिकारी गण ओर अध्यक्ष सुरेश कुमार जैन सेठी कानकी, महामंत्री अभय जैन पाटनी, अजित जैन पांड्या,विवेक जैन गंगवाल, कोडरमा के सुरेन्द्र जैन काला, शशि जैन सेठी,अमित जैन गंगवाल,अमित जैन सेठी, पूरी ब्यवस्था को देखने वाले युवा सौरभ जैन काला, सुमित जैन सेठी ओर सभी यात्री गण अन्तर्मना भगवन का चरण वंदन कर आशीर्वाद लिया ।कोडरमा मीडिया प्रभारी राज जैन अजमेरा,मनीष जैन सेठी ने दी।

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