हम बगैर सोंचे समझे,
हाय ऑफिस,
हाय पैसा,
हाय नाम,
हाय शोहरत,
हाय दौलत और अंत में लास्टली….
खासकर पिछले दो साल में, वर्क फ्रॉम होम कल्चर की सौगात…
सावधान…
आजकल लोग ज्यादातर काम अपनी जगह पर बैठे बैठे ही कर लेते हैं। पहले जहाँ टीवी को चालू बंद करने या रेलवे के टिकट निकालने जैसे काम के लिए उठना या चलना पड़ता था, अब ऐसे कई सारे काम हम आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से अपनी जगह पर बैठकर कर सकते हैं। इस आधुनिक टेक्नोलॉजी की वजह से हमारे समय और ऊर्जा की बचत तो होती है परन्तु इसका हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत परिणाम भी हो सकता हैं। ब्रिटेन में हाल ही में हुए अध्यन के आधार पर वैज्ञानिको ने उन लोगों को चेतावनी दी है जो दिन में अधिक समय तक लगातार बैठे रहते हैं। इस वैज्ञानिकों का कहना है की एक ही मुद्रा में लम्बे समय तक बैठे रहने से शरीर के हर महत्वपूर्ण अंग को नुकसान पहुचता हैं।
लम्बे समय तक एक ही मुद्रा में बैठे रहने से शरीर पर निचे दिए हुये दुष्परिणाम होते हैं :
(1). हृदय/ Heart :
जो व्यक्ति दिन में 10 घंटे से लम्बे समय तक केवल बैठा रहता है और कोई व्यायाम नहीं करता है ऐसे व्यक्ति को सामान्य व्यक्ति की तुलना में दिल का दौरा / हार्ट अटैक पड़ने का खतरा 50% अधिक रहता हैं।
(2). सिर / Brain :
लम्बे समय तक बैठे रहने से रक्त के थक्के/ क्लोट्स जम जाते हैं, जो मस्तिष्क में पहुंचकर स्ट्रोक का कारण बन सकते हैं।
लम्बे समय तक बैठे रहने से दिमाग को रक्त का संचारण भी धीरे होता है और ताजा रक्त और ऑक्सिजन की कमी के कारण दिमाग धीमा काम करता हैं जिसके कारण चिता, तनाव और डिप्रेशन बढ़ ता हैं।
(3). पेट/Abdomen :
खाने के बाद लम्बे समय तक बैठे रहने से पेट पर दबाव पड़ता है और पाचन कमजोर पड़ जाता हैं। भोजन का ठीक से पाचन न होने के कारण कब्ज, गैस, एसिडिटी जैसी समस्या निर्माण हो जाती हैं। बैठे रहने से मोटापा और कोलन कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता हैं।
(4). फेफड़े / Lungs :
लम्बे समय तक बैठे रहने से फेफड़े में रक्त के थक्के / पल्मोनरी एमोबोलिस्म का खतरा बढ़ जाता हैं। अधिक समय तक बैठे रहने से फेफड़े की कार्यक्षमता भी काम हो जाती हैं।
(5). गर्दन / Neck :
लम्बे समय तक बैठे रहने से सर्वाइकल सपोंडीलिटिस होने का खतरा अधिक रहता हैं।
(6). पांव / Legs :
लम्बे समय तक बैठे रहने से पांव में रक्त संचारण ठीक से नहीं होता है जिस कारण पांव में सूजन, सुन्नपन्न, वेरिकोस वेन्स, डीप वेन थ्रोम्बोसिस Deep और कमजोर हड्डी जैसे विकार उत्पन्न होने का ख़तरा रहता हैं।
(7). रीढ़ की हड्डी / Spine:
रीढ़ की हड्डी की रचना इस प्रकार की गयी है कि जब हम चलते है तो इसमें हड्डी का आकुंचन और प्रसारण इस प्रकार होता है की रीढ़ को ठीक से रक्त और पोषक तत्वों का संचारण हो सके। लम्बे समय तक बैठे रहने से यह क्रिया नहीं होती है और रीढ़ के हड्डी की लवचिकता / फ्लेक्सिबिलिटी कम हो जाती हैं। इससे हरनिएटेड डिस्क, लुम्बर स्पॉन्डिलाइटिस, सूजन, दर्द और जकड़ाहट जैसे विकार उतपन्न होते हैं।
ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पर्ट्स मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार जो व्यक्ति रोजाना 5 घण्टे लगातार बैठे रहते है उनकी आयु क्रियाशील व्यक्ति के तुलना में 5 वर्ष कम हो जाती हैं।
अगर आप भी लम्बे समय तक बैठे रहने का काम करते हैं तो आपको अपने जीवनशैली में योग्य बदलाव जरूर करने चाहिए।
लम्बे समय तक बैठे रहने के दुष्परिणाम से बचने के लिए आपको नीचे दिए हुए 6 सुझाव का पालन करना चाहिए :
1. दिन भर में 3-4 घंटे खड़े रहने या टहलने के बहाने ढूंढना चाहिए।
2. रोजाना सुबह 30 मिनिट तक अपने क्षमता अनुसार कोई व्यायाम करे जैसे चलना, दौड़ना, साइकिल चलाना, तैराकी इत्यादि।
3. ऑफिस में अगर लगातार बैठना पड़ता है तो हर 2 घंटे से 5 से 10 मिनट के लिए उठकर इधर-उधर टहल लें या खड़े होकर काम करे।
4. सुबह-शाम टहलने की आदत डाले। घर पर टीवी बंद चालू करने के लिए रिमोट का इस्तेमाल करने की जगह उठकर स्वयं बंद या चालू करे।
5. घर के आस पास के काम के लिए गाड़ी का उपयोग करने की जगह पैदल जाना चालू करे। अगर ऑफिस गाड़ी में जाते है तो ऑफिस से थोड़ी दुरी पर गाड़ी पार्क करे।
6. लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का प्रयोग करे।
लम्बे समय तक बैठे रहना स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक हैं।