केन्द्रीय मंत्री शिवराज चोहान

0
1

ने आशीर्वाद प्राप्त किया
राजेश जैन दद्दू
विदिशा
“अधिकारों से विचारों में शांती नहीं आती जंहा विचारों की शांति होती है वंहा अधिकार नहीं होते” उपरोक्त उदगार चर्या शिरोमणि आचार्य विशुद्धसागर महाराज ने श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के चतुर्थ दिवस पर अपनी मंगल देशना में व्यक्त किए। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी विधान महोत्सव में पधार कर श्रमण संस्कृति के महामहिम आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी के पाद प्रक्षालन कर आशीर्वाद प्राप्त किया एवं इस अवसर पर आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी जी द्वारा रचित विचार” ग्रंथ का विमोचन भी किया समारोह के मुख्य अतिथि शिवराज सिंह चौहान जो कि भारत सरकार के कृषी मंत्री एवं मध्यप्रदेश शासन के पूर्व मुख्यमंत्री है, को सूत्र देते हुये कहा कि “देखो जानो और जाने दो” कि रीती नीती से चलोगे तो कभी आपको कष्ट नहीं होगा आचार्य श्री ने कहा कि “किसी के प्राण लैना भारत का धर्म नहीं है”
जो देश विश्व का विनाश करने की धमकी दे रहे है उन देशों को समझ लैना चाहिये कि भारत ने “आचरण” पर विश्वास रखा है,और जिसने आंख गरम की उन आंखों को ठंंडा भी किया है,यही दृष्टि मोक्षमार्ग की है आचार्य श्री ने कहा कि भारत की इस भूमी पर भगवान ऋषभदेव ने राज्य किया और जिस देश को कभी भरत चकृवर्ती ने सम्हाला उस देश का नाम इन्ही चकृवर्ती के नाम से भारत पड़ा आचार्य श्री ने शिवराज सिंह जी को सम्वोधित करते हुये कहा “बेटी बचाओ बेटी पड़ाओ” यह आंदोलन अभी का नहीं है यह सूत्र तो भगवान ऋषभदेव के शासन काल का सूत्र है,भारतीय संस्कृति में सबसे पहले शिक्षा दी तो वह ब्राह्मी और सुंदरी नाम की बेटियों को दी थी भारत कृषी प्रधान देश यू ही नहीं बना भगवान ऋषभ देव ने कहा कि ऋषी बनों या कृषि कास्तकार बनों 60 मिनट के इस प्रवचन को मुख्य अतिथि शिवराज सिंह जी भी एकटक सुनते रहे आचार्य श्री ने कहा कि”किसी के प्राण लैना भारत का धर्म नहीं है” उन्होंने कहा कि भारत की सभी बेटिओं को आव्हान करते हुये कहा कि चहरा मत देखो धर्म देखो बंश देखो भारतीय संस्कृति को जीवित रखना है तो
अपना जीवनसाथी अपने ही धर्म और रीती रिवाज का चुनों किसी मांसाहारी के रीती रिवाज का नहीं तभी आपका धर्म और जीवन सुरक्षित है इस अवसर पर मुख्य अतिथि शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संतों का सान्निध्य मिलना दुर्लभ सौभाग्य है, जब मेरे से पूंछा गया कि आपके पास कितना समय है तो मेंने कहा समय ही समय है में आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज का शिष्य हूं और आज तो आपके विचार ग्रंथ का विमोचन है और सारा खेल विचारों का ही है यह सारा संसार विचारों की ही उत्पत्ति है अच्छे विचारों से जीवन है तथा बुरे विचारों से ही पतन है उन्होंने बाल्मीकि कथा सुनाते हुये कहा कि परिवार में कोई उनकेपापों का कोई भागीदार नही मिला और एक घटना ने उनको डाकू से संत बना दिया उन्होंने कहा कि यह स्वार्थी संसार है और आपने जो विचार ग्रंथ लिखा है उस ग्रंथ से कई लोगों की जिंदगी बदलेगी। मुख्य अतिथि मंत्री जी ने कहा कि में यंहा पर कोई मंत्री के रुप में नहीं आया मैं तो आप से आशीर्वाद प्राप्त करने आया हूं मैं तो आचार्य विद्यासागरजी महाराज का शिष्य आपके चरणों में नतमस्तक होने और नमोस्तु शासन जयवंत हो करने आया हूं आपके दर्शन का सौभाग्य मिला उन्होंने देश और दुनिया की बात करते हुये कहा कि जिस भाषा में बड़े नेता बोल रहे है यह उनके बोलने का अधिकार नही है रुस, इजरायल और ईरान,हमास आदि देशों का नाम लेते हुये कहा कि चारों ओर अशांति है युद्ध के नगाड़े चारों ओर बज रहे है महा विनाशकारी अस्त्रों का जखीरा सामने है समझ में नहीं आता यह दुनिया सही दिशा में चलेगी कैसे? उन्होंने कहा कहा कि भारत अहिंसा परमो धर्मा के रास्ते पर चलने वाला देश है “विनाशकाले विपरीत बुद्धी”
उन्होंने आशीर्वाद चाहा कि किसान कल्याण के क्षेत्र में तथा बेटिओं के लिये कार्य कर सकूं।उन्होंने कहा कि संचालिका कीर्ति की तारीफ करते हुये कहा कि मेरे दो बेटे थे और अपने घर में बहु नही बेटी लेकर आया हूं।आपके चरणों में अपने दुर्गुणों को निकाल कर अपने आपको विशुद्ध कर सकूं। इस अवसर पर श्री सकल दि. जैन समाज के पदाधिकारियों ने साल श्री फल एवं मोमेंटो से उनका स्वागत किया तथा आचार्य श्री द्वारा लिखित ग्रंथ “विचार” का विमोचन श्री सुरेशचंद्र जैन एडवोकेट सहित अध्यक्ष शैलेंद्र चौधरी महामंत्री प्रदीप एल आई सी,सौरभ लंदन जय कुमार जैन अविनाश जैन सहित सभी पदाधिकारियों ने किया आभार व्यक्त स्वागताध्यक्ष संजय सेठ ने किया इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के कयी वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here