कर्म के उदय से सीता ने अग्नि परीक्षा दी थी

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नैनंवा 14 अगस्त बुधवार 2024
शांति वीर धर्म स्थल पर विशुद्ध महिला मंडल द्वारा चित्र अनावरण दीप प्रज्वलित पाद पक्षालन किया श्रीमती संगीता मोडीका द्वारा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी
विशुद्धमहिला मंडल का तिलक माला मुकुट पहनाकर स्वागत सम्मान किया गया
जैन मुनि श्रुतेशसागर जी महाराज ने बताया भगवान महावीर कहते हैं कि तुम मेरे जैसे बन जाओ किसी भी वस्तु की आवश्यकता मुझे नहीं है
अपनी आत्मा के कल्याण के लिए संयम धर्म को धारण कर लो
जब भी मनुष्य के कर्मों का उदय आने पर राम को राजतिलक होने वाला था प्रातः काल ही राम को चोदह वर्ष वनवास हो गया जंगल जाना पड़ा
संग में सीता भाई लक्ष्मण तीनों ही जंगल में 14 वर्ष बिताए धोबी के कहने मात्र पर सीता की अग्नि परीक्षा ली गई सीता के कर्म का उदय में ऐसा लिखा था आज भी सीता जन-जन की माता के नाम से जाना जाती है सीता को पूजा जाता है पहले सीता का नाम आता है बाद में राम का नाम आता है
महिलाएं आप भी माता त्रिशला सती चंदन वाला मैना सुंदरी सति चंदन वाला बनने का प्रयास करें
धन का सदुपयोग कैसे करें
जैन मुनि सविज्ञसागर जी महाराज ने बताया की अपना धन-को चार प्रकार से दान देना चाहिए जिसमें धर्म लाभ प्राप्त होगा
१ आहार दान २ शास्त्र दान औषधी दान ४ अभयदान चार प्रकार के दान महान दान है धर्म की साधना के लिए अपने धन का सदुपयोग करना चाहिए साधु के आहार बिहार जिनालय पंचकल्याण महोत्सव आदि में दिया गया दान पुण्य प्रबल का होना मुनि ने बताया
महिलाएं अपना धन का उपयोग कहां करती है किटी पार्टी बर्थडे में धन का सदुपयोग नहीं होता
उन्होंने बताया कि भोग की क्रियाओं धन खर्च किया जाता है उसे पुण्य कभी प्राप्त नहीं होता धर्म की साधना में ही लगाया धन से पुण्य का संचय होगा ऐसा मुनि ने बताया
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता महावीर कुमार सरावगी

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