आश्चर्य परन्तु सत्य
“कहा मिलेंगे हमें विमल पद कलम सर्व दुख हारा उन्हें मृत्यु में हमें मृत्यु के समाचार ने मारा”
✍️ पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार कोटा
कोसमा (एटा)।
सुप्रसिद्ध भजन गायककार स्वर्गीय रविंद्र जैन जी का गाया हुआ वो भजन “कहा मिलेंगे हमें विमल पद कलम सर्व दुख हारा उन्हें मृत्यु ने हमें मृत्यु के समाचार ने मारा” मुझे याद आता है। जिस भी जैन बंधु ने ये भजन नहीं सुना हो वो एक बार जरूर सुने। जी हा मैं बात कर रहा हूं उस छोटे से कोसमा कस्बे की जहां पर तीन हजार के आस पास की आबादी है जिनमें कुशवाह बघेल ओ बी सी समाज के लोग रहते है। ये उत्तरप्रदेश के जिला एटा के अंतर्गत कोसमा कस्बा आता है। सबसे बड़ी ओर महान आश्चर्य की बात ये है कि यहां पर एक भी जैन समाज का घर नहीं है। यहां एक भगवान 1008 नेमीनाथ भगवान का प्राचीन जैन मंदिर है। इस मंदिर में एक छोटी बेदी पर भव्य अतिशय युक्त छोटी सी मनोहारी प्रतिमा भगवान नेमीनाथ की विराजमान है। उसी के दो फलांग दूरी पर एक मंदिर जिसमें वात्सल्य मूर्ति आचार्य 108 विमल सागर जी महाराज की मूर्ति स्मारक स्वरूप दूसरी साइड बाजू में हनुमान जी की मूर्ति , शिव पार्वती लिंग भी विजातीय लोगो द्वारा स्थापित किया है। ये सर्व धर्म सम भाव का प्रेरक कहा जा सकता है। यहां पर प्रतिदिन कस्बे के लोगों ओर महिलाओं द्वारा सायंकाल भक्ति भाव से भजन एवं चालीसा करते देखा जा सकता है। मां अम्बा जी की मूर्ति भी विराजमान है। आचार्य विमल सागर जी महाराज की आरती भी लिखी हुई है। लोग अपनी बाधाएं दूर करने के लिए आरती करते है। लोगो में आचार्य श्री के प्रति अटूट आस्था ओर विश्वास है ।इस मंदिर का शिलान्यास आचार्य 108 चैत्य सागर जी महाराज के पावन सानिध्य में श्री आर के जैन बॉम्बे द्वारा किया गया है। परम पूज्य आचार्य 108 चैत्य सागर जी महाराज का वर्षायोग आगरा में हर्षौल्लास के वातावरण में चल रहा है उन्हीं की मंगल प्रेरणा और निर्देशन में कोसमा कस्बे में आचार्य विमल सागर जी महाराज की स्मृति भव्य मंदिर का कार्य द्रुत गति से चल रहा है। नवंबर महीने में पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव भी प्रस्तावित है। कोसमा में मंदिर के पास ही एक बड़ी चार मंजिला धर्म शाला उपलब्ध है। एक सर्व सुविधायुक्त चिकित्सालय जिसमें प्रतिदिन 300 मरीज अपने इलाज के लिए आते है। आधुनिक मशीनों द्वारा जटिल ऑपरेशन सुविधा भी उपलब्ध है। 40 से अधिक दक्ष चिकित्सक टीम मरीजों के इलाज ओर सेवा में रहती है। बहुत ही कम खर्च में समस्त सुविधाएं प्रदान की जाती है। अ. भा. जैन संपादक संघ के तत्वाधान में श्री अखिल जी बंसल के नेतृत्व में इसका निरीक्षण करने का परम सौभाग्य मुझे मिला ये देख कर मेरा मन आचार्य विमल सागर की महाराज के प्रति श्रद्धा से भर गया उनकी याद में आंखे भर आई । गाड़ी में वही भजन कहा मिलेंगे हमें विमल पद कमल सर्व दुख हारा भजन श्रद्धा भक्ति भाव पूर्वक सुनाया। समस्त जैन समाज से मेरा आत्मीय अनुरोध है कि इस परम पुनीत कार्य के लिए आगे आए। जैन समाज में धार्मिक आयोजन बढ चढ़ कर प्रति वर्ष होते है जिनमें करोड़ों की राशि लगाई जाती है। अब शिक्षा ओर चिकित्सा पर जैन समाज को ध्यान देना चाहिए। चिंता मणि रत्न समान दुर्लभ मानव जैन पर्याय में एक बार अवश्य कोसमा धर्मप्राण कस्बे में अवश्य पधारकर दर्शन लाभ लेवे।
प्रस्तुति
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी
पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार कोटा
9414764980