गौरेला। वेदचन्द जैन।
जियो और जीने दो के सूत्र प्रदाता भगवान महावीर का जन्मकल्याणक महापर्व श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। ढाई हजार वर्ष पूर्व संसार को शांति और अहिंसा की राह दिखाकर भगवान महावीर ने सहीअस्तित्व से जीवन जीने की कला सिखाई।
श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में प्रातः काल विशेष पूजन अभिषेक किया गया। शांति धारा के प्रथम कलश का सौभाग्य ललित जैन सुबोध जैन परिवार को व द्वितीय कलश का सौभाग्य वेदचन्द जैन राहुल गौरव सौरभ जैन परिवार को प्राप्त हुआ।पूजन अभिषेक के उपरांत नगर में शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में विशेष विमान में भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा के साथ वृद्ध बाल महिलाओं ने वाद्ययंत्रों के साथ नृत्य करते हुए जियो और जीने दो के नारे लगाये। स्थान स्थान पर भगवान महावीर स्वामी की प्रतिमा की आरती उतारी गई।
शोभायात्रा में पंच्चानवे वर्षीय वरिष्ठ सदस्य श्री विट्ठल भाई, ज्ञान चंद जैन, अशोक कुमार, वेद चंद जैन,अजीत जैन,किशोर जैन,सुधीर जैन,उत्तम चंद जैन अध्यक्ष जैन समाज गौरेला, अमित जैन,विमल जैन, संदीप सिंघई,सपनिल जैन, सुकांत जैन, ललित जैन, सुबोध जैन,नरेश गोयल उदयपुर, सचिन सोनल जैन,अनुज जैन, संजय जैन, जयदीप गोलियां,बंटी गोलियां,नीरज जैन,रमेश राजेश जैन, अनिल जैन, अभिषेक जैन,गौरव सौरभ जैन सहित जैन समाज की महिलाएं सम्मिलित थीं। शोभायात्रा, मंदिर जी से आरंभ होकर गांधी चौक, मंगली बाजार, रेस्टहाउस रोड , मुख्य मार्ग से होती हुई मंदिर जी पहुंची।
सर्व कालिक ,प्रासांगिक शांति और अहिंसा के माध्यम से संसार को समस्याओं का स्थाई समाधान देने वाले परम उपयोगी जैन धर्म के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्मकल्याणक के शुभ दिन जैन समाज गौरेला के युवाओं ने गांधी चौक में नगर वासियों को स्वादिष्ट खीर वितरित कर शांति सौहार्द सद्भावना की प्रेरणा दी।
*वेदचन्द जैन*