जैन मुनि प्रज्ञा सागर महाराज
भूमि प्रणेता उज्जैन
मेरी भावना पर प्रवचन सार में मुनिराज ने बताया
अठाहिया महापर्व पर राज्य में मांस खाने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड दिया जावेगा
राजा के इकलौते पुत्र ने अठाईया पर्व के अंदर मांस का भक्षण किया
राजा द्वारा अपने पुत्र को भी न्याय के लिए मृत्युदंड देने का आदेश दिया यथा न्याय मार्ग
अष्टानीका महापर्व साधारण पर्व नहीं होते इन पर्वों पर किसी भी जीव हिंसा के लिए राजा अपने राज्य के अंदर यह ऐलान करता था मेरे राज्य के अंदर कोई भी मांस का भक्षण न करेगा
ना जीव की हत्या करेगा ऐसा करने वाले को मृत्युदंड की सजा का प्रावधान राजा दिया करते थे
इसी कारण हमारा जैन धर्म आज सभी जीवों के प्रति जियो और जीने दो का सिद्धांत भगवान महावीर का सभी जीवो के प्रति नम्रता का भाव रखते हैं इस कारण हमारा जैन धर्म सब धर्म में महान धर्म बताया गया है
प्रयुषण महापर्व पर भी हम सभी जीवो के प्रति दया भावना मन में बनाए रखें
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान