अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज औरंगाबाद उदगाव नरेंद्र /पियूष जैन भारत गौरव साधना महोदधि सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ का महाराष्ट्र के ऊदगाव मे विराजमान है इस दौरान भक्त को प्रवचन कहाँ की जिस इंसान के पास सब्र की ताकत है,
उस व्यक्ति से कोई भी मुक़ाबला नहीं कर सकता..
यदि सब्र ना हो तो कब्र खोदकर उसमें सो जाना चाहिए..!
क्योंकि अब तुम्हें जीने का, और प्रार्थना करने का कोई अधिकार नहीं है। मन से उठी प्रार्थनायें, कभी खाली नहीं जाती। प्रार्थना के साथ प्रयत्न भी जरूरी है,, प्रयास भी जरूरी है। कलयुग में केवल प्रार्थना से काम नहीं चलता है बाबू! फल सिद्धि के लिए प्रयत्न भी करना पड़ता है।
आज इस देश में समस्याओं के समाधान के लिए प्रार्थनाएं तो जोर शोर से हो रही है। मगर लगता है कि प्रार्थनाओं के अनुरूप ईमानदारी से प्रयास नहीं हो रहा है। अच्छे के लिए प्रयास करो, शुभ के लिए कामना करो, और सबके मंगल के लिए प्रार्थना करो।
पूरे कुए में भांग घुली है, तो तय है कि हम अकेले कुछ नहीं कर सकते, पर कम से कम एक बालटी गंदे पानी को स्वच्छ करने के लिए फिटकरी डालने जितना काम तो कर ही सकते हैं ना…!!!। नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद