सकारात्मक सोच और उत्साही मन ही हमारे सभी कार्यों की सफलता है। अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज औरंगाबाद /कूलचारम पियुष कासलीवाल नरेंद्र अजमेरा. भारत गौरव साधना महोदधि सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ का 2024 का चोमासा
कुलचाराम हैदराबाद मे चल रहा है प्रवचन मे भक्तो को कही की उम्मीद भी एक जिद है..!
आज हर एक आदमी, उम्मीद – आस और विश्वास के साथ जीवन घिसट घिसट कर जी रहा है। थके हारे उबाऊ जीवन जीने वाले लोगों को देखकर लगता है कि जीवन सचमुच अन्धकार मय है यदि आकांक्षाएं न हो तो जीवन प्रकाशमय हो सकता है। क्योंकि विवेक के बिना सारी इच्छाएं, आकांक्षाएं अन्धी है, सारा ज्ञान व्यर्थ है यदि तदनुरूप आचरण न हो।
जब आप सेवा, परोपकार, धर्म और सत्संग को बिना इच्छा और अपेक्षाओं से करते हैं, तो स्वयं के स्वभाव और परमात्मा को अपने निकट पाते हैं। परमात्मा के निकट से तात्पर्य है – संकल्प से चलना और समर्पण से पहुंचना। संकल्प और समर्पण का तभी फल सम्भव हो सकता है, जब हम आत्म विश्वास से भरे और दृढ़ निश्चय से चलें।
सकारात्मक सोच और उत्साही मन ही हमारे सभी कार्यों की सफलता है। यदि आप दुःख में से सुख खोजना चाहते हैं तो सुख खोज सकते हैं, बशर्त है सकारात्मक सोच…!!!अतिशय क्षेत्र कुल्चराम जी में १०८ आचार्य श्री प्रसन्न सागर जी महाराज हैदराबाद जिनवाणी मंडल द्वारा आचार्य श्री की पूजा बड़ी श्रद्धा और भक्ति के साथ की गई। मंडल की बहनों ने भगवान १००८ श्री पार्श्वनाथ की पूजा व भक्ति के साथ गुरु प्रवचन, गुरु भक्ति, और आरती कर धर्म लाभ लिया।
इस अवसर पर श्री मति सपना बड़जात्या, रूपाली चांदुवाड, रुचिता चांदुवाड, वंदना जैन, बुलबुल शाह, राखी सेठी, रचना सेठी, और शुभी जैन उपस्थित थीं। नरेंद्र अजमेर