झमाझम बारिश के बीच विख्यात जैनाचार्य अंतर्मना श्री प्रसन्न सागर महाराज का हुआ भव्य मंगल प्रवेश

0
1

झमाझम बारिश के बीच विख्यात जैनाचार्य अंतर्मना श्री प्रसन्न सागर महाराज का हुआ भव्य मंगल प्रवेश

———– ——– ———
जिसने भगवान एवं गुरुओं की वाणी को चित्त लगा कर सुन लिया वो भव्यता को प्राप्त होता है-
– आचार्य प्रसन्नसागर जी

छतरपुर/कोडरमा।
🙏 धन्य है ऐसे मुनिराज 🙏

जो आज के इस आधुनिक युग मे भी चतुर्थ🌎 काल की साधना कर रहे है!जो शायद कही और देखना 👀 दुर्लभ हीं है ।रविवार को प्रातः का नजारा उस समय बड़ा ही अदभुत हो गया जब जैन संत अंतर्मना श्री प्रसन्न सागर महाराज 14 वर्षो बाद अपने गृह नगर में प्रवेश करने बाले थे कि उसी समय झमाझम वारिश शुरू हो गयी। ऐसा लगा कि मानो स्वर्ग से इन्द्र देवता भी जैनाचार्य की भव्य आगवानी के लिए स्वयं ही पधार गए हों।
जैन समाज के प्रो. सुमति प्रकाश जैन एवं श्री पंकज जैन महर्षि ने बताया कि आचार्य श्री प्रसन्न सागर महाराज की ढोल नगाड़ों एवं बैंड बाजो के साथ सागर रोड स्थित चंदप्रभु चैत्यालय से भव्य आगवानी की गयी। इस अवसर सकल दिगंबर जैन समाज तथा विभिन्न महिला मंडलो की महिलाओं एवं जैन मिलन द्वारा आचार्य श्री की आरती उतार कर मंगल प्रवेश की आगवानी की गयी। तत्पश्यात आचार्यश्री सैकड़ो भक्तों के साथ बिजावर नाका, छत्रसाल चौक एवं पुरोहित चौराहे होते हुए पुरानी तहसील महलों पर पहुंचे जहां एक विशाल धर्म सभा का आयोजन किया गया। इस धर्म सभा मे छतरपुर विधायक श्रीमती ललिता यादव, खजुराहो विधायक अरविंद पटेरिया, नगरपालिका अध्यक्ष श्रीमती ज्योति सुरेंद्र चौरसिया,भाजपा नेता श्री पुष्पेंद्र प्रताप सिंह ‘गुड्डू भईया’ सहित अनेक गणमान्य नागरिक शामिल हुए।
ब्रह्मचारी तरुण भईया जी ने मंच का सरस संचालन करते हुए समस्त आयोजन पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर जैन समाज छतरपुर द्वारा आचार्यश्री के साथ निरंतर सेवा में संलग्न संघपति श्री दिलीप जी सुनीता जी घूमड़ जी बड़ौत गुजरात,श्री श्रवण कुमार संध्या जी नागपुर, मनोज जैन शिल्प जैन झांझरी हैदराबाद को प्रशस्ति एवं शॉल श्रीफल से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आचार्यश्री की पूर्व भव की पूज्य मातुश्री श्रीमती शोभा देवी जैन को भी बड़े ही आदर भाव से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में अपने प्रभावी प्रवचन में श्री सहज सागर जी महाराज ने कहा कि प्रार्थना ईश्वर को नहीं बदलती है, प्रार्थना उसे बदल देती है जो इसे करता है। अन्तर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागर महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा कि हमें यह स्वयं सोचना होगा कि जो हम सोचते है वो बनाना चाहते हो या जो बन सकते हो वो बनाना चाहते हैं, क्योंकि समय निकल जाने के बाद जीवन मे कुछ नहीं किया जा सकता है क्योकि बुढ़ापे में तो पाप भी नहीं होते तो पुण्य कहां से करोगे, इसलिए हाथ पैर चलने की उम्र में धर्म ध्यान कर लेना चाहिए। उन्होंने शहर में बिताये अपने बचपन के पलों को भी याद करते हुए कहा कि हे छतरपुर बालो हमने कभी ये सोचा भी नहीं था कि हम भी कभी यहाँ आकर प्रवचन करेंगें और आप सभी हमे सुन रहे होंगे, आप भी ऐसे बनिए कि लोग आपको सुनें और माने।
आचार्यश्री की ससंघ आगवानी के सुअवसर पर सागर रोड से चौक बाजार तक बहुत ही मनोहारी सजावट की गई तथा मंदिरों पर लुभावनी विद्युत सज्जा की गई। पूरे रास्ते में जैन एवं अजैन बंधुओं ने अपने घर के सामने रंगोली और गुब्बारों से मोहक सजावट कर आचार्यश्री एवं संघस्थ साधुओं की मंगल आरती कर शुभाशीष प्राप्त किया। धर्म सभा के बाद आचार्य संघ ने कोतवाली के समीप स्थित श्री नेमीनाथ जिनालय,बड़े जैन मंदिर आदि में श्री जी के दर्शन पूजन किए।पूज्य आचार्यश्री की ससंघ आगवानी एवं धर्मसभा में उपस्थित नगर के भारी जनसमुदाय के पधारने पर जैन समाज की समस्त कार्यकारिणी ने सभी का आभार ज्ञापित करते हुए जिला तथा पुलिस प्रशासन का उम्दा व्यवस्थाओं के लिए हार्दिक धन्यवाद व्यक्त किया है।
संकलन कर्ता-कोडरमा मीडिया प्रभारी राज कुमार अजमेरा,नवीन जैन

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here