जीवन में दो तत्व है भाग्य और पुरुषार्थ: आचार्य प्रमुख सागर

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गुवाहाटी: स्थानीय फैंसी बाजार स्थित भगवान महावीर धर्म स्थल में उपस्थित आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए कहा की  जीवन में दो तत्व है। जिससे हम सब का जीवन  चलता है। जैसे यदि किसी के जीवन में सुख है तो दुख भी है, राग है तो दृष है, पाप है तो पुण्य भी है आदि, इसीलिए यह संसार दो का जोड़ है। एक भाग्य का और दूसरा पुरुषार्थ का। जन्म भाग्य का प्रतीक है और कर्म पुरुषार्थ का प्रतीक है। आचार्य श्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि जीवन के रथ को सही पथ पर पहुंचाने के लिए दो पहियों की आवश्यकता पड़ती है। यदि रथ के दोनों पहिये मजबूत हो तो रथ पथभ्रष्ट नहीं हो सकता बल्कि नए-नए पथों  का सृजनकत्ता  हो जाया करता हैं। इसी प्रकार जीवन के रथ में दो पहिए लगे हुए हैं एक भाग्य का और दुसरा पुरुषार्थ का। इन दोनों पहियों मे से यदि एक भी पहिया  डगमगाया  तो समझ लेना अब गाडी़ ज्यादा दिन तक चलने वाली नहीं है। इससे पूर्व आज प्रात: आचार्य श्री ससंघ के सानिध्य में श्री जी की शांतिधारा करने का परम सौभाग्य हिरालाल- अशोक कुमार -विनोद कुमार पहाड़िया परिवार गुवाहाटी को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर काफी संख्या में स्थानीय एवं अन्य राज्यों से पधारे गुरुभक्त उपस्थित थे। यह जानकारी समाज के प्रचार प्रसार विभाग के मुख्य संयोजक ओम प्रकाश सेठी एवं सह संयोजक सुनील कुमार सेठी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा दी गई है ।
    *सुनील कुमार सेठी*
         गुवाहाटी

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