आचार्य सुन्दर सागर महाराज
जयपुर /फागी संवाददाता 18 अगस्त –
सांगानेर चित्रकूंट कालोनी में आचार्य सुंदर सागर जी महाराज के पवन सानिध्य में धर्म की भव्य प्रवाहना बढ रही है कार्यक्रम में आचार्य श्री ने श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए बताया कि भव्यात्माओं का बड़ा बनना सरल नहीं है बड़ा बनने के लिए विशेष गुण चाहिए। अज्ञानी जीव मेरा तो मेरा है तेरा भी मेरा है ऐसा कहता है जबकि ज्ञानी जीव मेरा मेरा है, तेरा तेरा है। साधु लोग कहते हैं ना मेरा है ना तेरा है यह दुनिया रैन बसेरा है, खाली हाथ आए थे और खाली हाथ जाएंगे। सब कुछ यहीं रह जाएगा। बड़ा बनने के लिए बहुत कुछ सीखना पड़ता है।
ये उदगार चित्रकूट कालोनी के श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर में चातुर्मासरत आचार्य सुंदर सागर महाराज ने सोमवार 18 अगस्त को आयोजित धर्म सभा में व्यक्त किये। आचार्य श्री ने आगे कहा कि श्री कृष्ण के जीवन से धैर्य रखने की प्रेरणा मिलती है, श्री कृष्ण का जीवन जन्म से मरण तक पूरा संघर्ष भरा रहा लेकिन उन्होंने धैर्य नहीं छोड़ा। कंस ने उन पर कितने अत्याचार किए, जन्म जेल में हुआ, मरण वन में हुआ, ग्वालो के बीच पले बड़े। जीवन में मुसीबत ना आए तो जीवन कैसा। आदिनाथ भगवान को 6 माह तक आहार नहीं मिला फिर भी धैर्य नहीं छोड़ा। मरुभूति का जीव ने कितने उपसर्ग सहे। यशोधर मुनिराज पर राजा श्रेणिक ने उपसर्ग किया फिर भी अडिग रहे। इसलिए मुसीबत आने पर कभी धैर्य नहीं खोना चाहिए। जीवन में कभी निराश नहीं होना, हारना और हार मान लेना दोनों में जमीन आसमान का अंतर है। हार मानने से जीती बाजी भी हार जाता है। हारना अलग है, हारा व्यक्ति उठ नहीं सकता जो हताश नहीं हुआ वह तर गया और वही महान बनता है।धर्म सभा से पूर्व मंदिर जी में अभिषेक एवं विश्व में सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हुए जयकारों के बीच शांतिधारा की गई।
प्रथम अभिषेक व शांति धारा का सौभाग्य प्रसिद्ध समाजसेवी एडवोकेट महावीर सुरेंद्र जैन – निधि जैन परिवार भोज्याडा को तथा मूल नायक भगवान की शांतिधारा का सौभाग्य पदमचंद संजय सिंघल परिवार को प्राप्त हुआ।
प्रचार प्रसार मुख्य समन्वयक विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक सायंकाल आगम युक्त शंका समाधान का भव्य कार्यक्रम हुआ। जिसमें आचार्य श्री ने श्रावक – श्राविकाओं की जिज्ञासाओं का समाधान किया,कार्यक्रम में मंदिर समिति के अध्यक्ष अनिल जैन काशीपुरा एवं महामंत्री मूल चन्द पाटनी के मुताबिक प्रातः 8.15 बजे धर्म सभा में आचार्य सुन्दर सागर महाराज के मंगलमय प्रवचनों का लाभ उठाकर धर्म लाभ प्राप्त करें।
राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान