जीवन में भेद विज्ञान होना आवश्यक है- आर्यिका विजिज्ञासाश्री माताजी

0
4

राजेश जैन दद्दू
इंदौर। जीवन में भेद विज्ञान होना परम आवश्यक है जब तक भेद विज्ञान नहीं होगा तब तक जीवन का आनंद प्राप्त नहीं हो सकता। भेद विज्ञान होना ही सम्यग्दर्शन है, केवल देव शास्त्र गुरु पर श्रद्धा करना सम्यग्दर्शन नहीं है। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि
यह उद्गार आज दिगंबर जैन आदिनाथ जिनालय छत्रपति नगर में समाविष्ट गणाचार्य विराग सागर जी महाराज की युवा विदुषी आर्यिका विजिज्ञासाश्री
माताजी ने धर्म सभा में प्रवचन देते हुए व्यक्त किये ‌। आपने कहा कि प्राणी कष्ट आने और दुखी होने पर दूसरों को दोष देता है परंतु विचार नहीं करता कि मेरे कर्म ही मुझे दुख दे रहे हैं, दूसरे तो मात्र निमित्त हैं। कर्मों की निर्जरा के लिए माताजी ने एक सूत्र दिया *हमाओ कछू नैया*इस सूत्र का चिंतन करने से कर्मों की निर्जरा निश्चित है। अंत में अपने कहा की जीवन में
कभी भी देव शास्त्र गुरु की निंदा न करें, निंदा करने से कर्म बंध होता है। प्रारंभ में
सोनाली बागड़िया ने मंगलाचरण किया धर्म सभा का संचालन डॉक्टर जैनेंद्र जैन ने किया एवं आभार ट्रस्ट अध्यक्ष भूपेंद्र जैन ने माना।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here