जीवन बहुत अनमोल है इसे व्यर्थ में बरमाद मत करों। आचार्य प्रसन्नसागरजी कुलचारम में मनाया गया आचार्य प्रसन्नसागरजी का जन्मदिवस

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हैदराबाद/ औरंगाबाद (नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल)
कुलचारम स्थित दिगंबर जैन मंदिर में आचार्य प्रसन्नसागरजी महाराज का 55वाँ जन्म दिवस धूमधाम से मनाया गया। जन्म दिवस कार्यक्रम में आचार्य प्रसन्नसागरजी ने उपस्थित लोगों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि लोग पूछते हैं कि हमारे पास क्या है, जबकी परमात्मा पूछता है कि तुम्हारे साथ क्या है। तुम भोग-विलास में आगे बढ़ रहे हो, जबकी हम योग और त्याग के साथ तुमसे जुड़ रहे है। उन्होंने कहा कि जन्म लेना महत्वपूर्ण नहीं है, जिस कुल में जन्म लिया है उसे गौरवान्वित करना महत्वपूर्ण है। इसमें जीवन की सफलता है। संसार में सबसे सुंदर आपकी आत्मा है। आचार्यश्री ने कहा कि जन्म दिन पर मेरी ईच्छा है कि आप सभी प्रेम और आनंद के साथ जीवन जिएं तथा दूसरों को भी इसी तरह जीने दें। कभी किसी खुशी में बाधक न बनें।
प्रसन्नसागरजी ने कहा कि जीवन बहुत अनमोल है इसे व्यर्थ में बरमाद मत करों। गुरु का एक शब्द भी जीवन को बदल सकता है। डॉ. सुशील से पूछा था कि घर से लेटकर निकलना चाहते हो या बैठकर। यह वाक्य उनके जीवन को बदल दिया। डॉ. सुशील प्रवर्तकमुनि सहज सागर बन गए। कार्यक्रम में संजीव जैन (कोलकाता), हल्दीवाला परिवार (नांदेड) तथा कुलचारम मंदिर के अध्यक्ष राजेश जैन, सुमेरमल जैन एवं ट्रस्ट के सदस्यों द्वारा किया गया। संजीव बड़जात्या, संदीप बड़जात्या, रेखा बड़जात्या (कोलकाता) ने ध्वजारोहण किया।
भक्तों को जीवन में सुकून मिलता है। सहसागरजी म.सा. ने आचार्यश्री के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मध्य प्रदेश के छतरपूर में 23 जुलाई 1970 को अभय कुमार-शोभाजी के यहाँ अंर्तमना का जन्म हुआ। 16 वर्ष की आयु में उन्होंने आचार्य पुष्पदत्तसागरजी से ब्रह्मचर्य का व्रत लिया। महावीर कल्याण दिवस पर दीक्षा लेकर प्रसन्नसागरजी के रूप में विश्व के समक्ष प्रसिद्ध हुए। 2 लाख किलोमीटर की पद यात्रा कर आचार्यश्री धर्म प्रभावना कर रहे हैं। उन्होंने 557 दिन का मौन, एकांतवास एवं 81 पारणा सम्मेद शिखर पर्वत पर किया। मनोज झाझरी परिवार ने श्रवनबेलगोला से कुलचारम तक की गुरुदेव की यात्रा का संयोजन किया। कार्यक्रम का संचालन पीयूषसागरजी म.सा. ने किया। अवसर पर गुरुभक्तों का सम्मान भगवान महावीर का चित्र भेंट कर किया गया। बांसवाड़ा की वर्षा
जैन ने मंगलचरण प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में श्री इंद्रपुरी महिला मंडल की अध्यक्ष कमला पांड्या, मंत्री शर्मिला पांड्या, पद्मावती मंडल की अध्यक्ष आरती झांझरी, रीना पहाडे, मैना सुंदरी मंडल की अध्यक्ष वर्षा बज, मंत्री सुषमा बज, मनीषा दगड़ा, मंत्री शिल्पा झांझरी, णमोकार महिला मंडल की अध्यक्ष किशोरी बाई पांड्या, मंत्री मंजू बड़जात्या, त्रिशला महिला मंडल की अध्यक्ष प्रेरणा पांड्या, मंत्री शीला पांड्या, अखिल भारतवर्षीय दिगंबर महिला जैन परिषद की अध्यक्ष नीलम बज, मंत्री आरती बज, सोशलग्रुप के अध्यक्ष विनोद कांसलीवाल, मंत्री गौतमचंद जैन आदि का सम्मान किया गया।
कुलचारम में आयोजित आचार्य प्रसन्नसागरजी महाराज के जन्मदिवस कार्यक्रम का दृश्य।
सरोवर जिनालय महिला मंडल द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया।
नैमसागरजी ने आचार्य प्रसन्नसागरजी पर आधार भजन प्रस्तुत किया।
नयपद्मसागरजी ने कहा कि माँ शोभा धन्य है जिसने ऐसे पुत्र को जन्म दिया।
प्रवर्तक सहसागरजी ने कहा कि गुरु के दर्शन से नूर मिलता है नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद

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