राजेश जैन दद्दू
इंदौर
तीर्थ क्षेत्र गोम्मटगिरि स्थापना में रही मुख्य भूमिका, आचार्य श्री का इंदौर से रहा गहरा नाता।
इंदौर
।२२ अप्रैल १९२५ को कर्नाटक के शेडबाल में श्री कल्लप्पा उपाध्ये और श्रीमती सरस्वती उपाध्ये के घर जन्मे बालक सुरेन्द्र ने मात्र २१ वर्ष की उम्र में १५ अप्रैल १९४६ जिनेश्वरी दीक्षा धारण करके क्षुल्लक दीक्षा बने ओर फिर २५ जुलाई १९६३ को दिल्ली में आचार्य श्री देशभूषणजी महाराज से आपने मुनि दीक्षा अंगीकार कर मुनि बने। के बाद आपने दक्षिण भारत से लेकर उत्तर भारत सम्पूर्ण भारत वर्ष में सत्य अहिंसा का परचम लहराया। इस वर्ष भारत में आपका जन्म शताब्दी वर्ष मनाया जा रहा है जिसका विधिवत शुभारंभ देश के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी मोदी के करकमलों से नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आचार्य पदारोहण दिवस २८ जून शनिवार को राष्ट्रसंत परम्पराचार्य श्री प्रज्ञसागर जी महाराज संसघ के मंगलमय सानिध्य में संआनद सम्पन्न होने जा रहा है। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू उक्त जानकारी देते हुए बताया कि समाधिस्थ आचार्य श्री विद्यानंद जी जन्म शताब्दी समारोह के पावन अवसर पर भारत सरकार द्वारा १०० रूपये मूल्य का स्मारक सिक्का एवं ५ रूपए मूल्य का विशेष डाक टिकट जारी किया जाएगा जिसका विमोचन देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी अपने कर कमलों से करेंगे। दद्दू ने बताया कि इंदौर शहर से आचार्य श्री विद्यानंद जी महाराज का गहरा संबंध रहा है। और इंदौर नगर में चातुर्मास भी कर चुके हैं।शहर का सुप्रसिद्ध तीर्थ क्षेत्र गोम्मटगिरि आचार्य श्री विद्यानंद जी के आशीर्वाद एवं प्रेरणा से स्थापित किया गया था। जिसका जिन बिम्ब पंचकल्याणक महामहोत्सव वर्ष 1986 में आचार्यश्री विद्यानंदीजी संसघ एवं आचार्य
श्री विमलसागरजी संसघ और अनेक संतों की उपस्थिति में संआनद सम्पन्न हुआ था। वही आचार्य श्री विद्यानंद जी को सिद्धान्तचक्रवर्ती उपाधि से अलंकृत भी ६ नवम्बर १९७९ को इन्दौर की वसुंधरा पर चतुर्विध ससंघ द्वारा किया गया था।
दद्दू ने कहा कि डाक टिकट और सिक्का जारी करने की घोषणा पर भारत वर्षीय समंग्र समाज ने खुशी जाहिर की । इंदौर दिगम्बर जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी डॉ जैनेन्द्र जैन महावीर ट्रस्ट के अध्यक्ष अमित कासलीवाल फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोहर झांझरी सुशील पांड्या हंसमुख गांधी टीके वेद मंयक जैन एवं फेडरेशन की राष्ट्रीय शिरोमणि संरक्षिका पुष्पाकासलीवाल मुक्ता जैन रेखा जैन आदि समाज जन ने भारत सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हुए। भारत सरकार का आभार व्यक्त किया ।