भीलवाड़ा, 23 सितंबर- जमना विहार स्थित श्री सहस्त्रफणी पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में श्रुत संवेगी मुनिआदित्य सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में वार्षिक कलशाभिषेक समारोह संपन्न हुआ।
मुनि आदित्य सागर महाराज धर्म देशना में कहा कि वार्षिक कलशाभिषेक इसलिए होता की समाज में एकता बनी रहे। उन्होंने परंपरा, अनुष्ठान, सम्यक दर्शन तीनों का महत्व बताते हुए कहा कि तीर्थकरो द्वारा चलाई गई परंपरा एवं अनुष्ठान ही मान्य है। व्यक्तिगत परंपरा मान्य नहीं है। भीलवाड़ा में हो रहे पंचकल्याणक सामूहिक अनुष्ठान द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अनुष्ठान प्रीति बढ़ाने के लिए होता है, धर्म की वृद्धि होती है। उन्होंने कहा कि पुण्यशाली आत्मा ही लाभ ले सकेगी। स्मृति शेष रहेगी। उससे ही उत्तम समाधि होगी। उन्होंने कहा कि कम बोलना, जब बोलना तब पूरा बोलना। यही सार्थकता है।
आरंभ में महिला मंडल द्वारा मंगलाचरण किया गया। पद्मावती महिला मंडल द्वारा सुंदर भक्ति नृत्य की प्रस्तुति दी। शहर के मंदिर ट्रस्ट के पदाधिकारी एवं सेवा ट्रस्ट के पदाधिकारीयों ने दीप प्रज्ज्वलित किया एवं मुनिससघ का पाद पक्षालन एवं शास्त्र भेंट किये । इस अवसर पर पांच व दश उपवास करने वाले तपस्यियों का छाबड़ा परिवार द्वारा माल्यार्पण कर शाल उड़ाकर भाव बिना सम्मान किया। गया। इस उपरांत अभिषेक पाठ द्वारा श्रीजी पर पंचामृत द्वारा अभिषेक किया गया। मुनि अप्रमित सागर जी महाराज के मुखारविंद से शांति पाठ द्वारा श्रावकों ने शांतिधारा की। ट्रस्ट अध्यक्ष राजेश बडजात्या ने सभी का आभार व्यक्त किया
मंच संचालन सुरेश गदिया एवं वीरेंद्र छाबड़ा ने किया।