जयपुर शहर से अहिंसा शाकाहार एवं भगवान महावीर के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार कर जयपुर लौटा 170 सदस्यीय धार्मिक यात्रा दल –

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23 तीर्थ क्षेत्रों के सैकड़ों मंदिरों की दर्शन – वन्दना सहित 51 आचार्य, मुनिराज – आर्यिका माताजी से लिया – चार बसों द्वारा 3400 किलोमीटर मार्ग की यात्रा की गई

फागी संवाददाता

जयपुर -श्री दिगम्बर जैन पद यात्रा संघ जयपुर के तत्वावधान में 23 तीर्थो के सैकड़ों मंदिरों की दर्शन वन्दना यात्रा सहित अहिंसा, शाकाहार एवं भगवान महावीर के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार करने के उद्देश्य को लेकर आयोजित 170 सदस्यीय धार्मिक यात्रा दल जयपुर लौट आया।
इस मौके पर समाज बन्धुओं एवं परिवार जनों ने सभी यात्रियों का भावभीना स्वागत किया।
यात्रा दल के संयोजक विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि पदयात्रा संघ के संरक्षक सुभाष चन्द जैन, यात्रा दल के मुख्य संयोजक अमर चन्द दीवान खोराबीसल के नेतृत्व में गये 170 यात्रियों के जत्थे ने धार्मिक यात्रा के दौरान सामूहिक दर्शन, अभिषेक, शांतिधारा, सामूहिक पूजा, महाआरती, पर्वत पर तीर्थो की वन्दना, धार्मिक गतिविधियों सहित अहिंसा शाकाहार एवं भगवान महावीर के सिद्धांतों का प्रचार प्रसार कर जन मानस को जागरूक किया। संघ के संरक्षक सुभाष चन्द जैन ने बताया कियात्रा के दौरान 23 से अधिक तीर्थ क्षेत्रों के सैकड़ों दिगम्बर जैन मंदिरों के दर्शन लाभ प्राप्त किये।
मुख्य संयोजक अमर चन्द दीवान खोराबीसल के मुताबिक यात्रा के दौरान आचार्य समय सागर मुनिराज, आचार्य प्रज्ञा सागर मुनिराज, मुनि प्रमाण सागर मुनिराज, मुनि युधिष्टर सागर महाराज, मुनि विशद सागर महाराज, गणिनी आर्यिका
विभाश्री माताजी, गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी, आर्यिका विश्रेयश्री माताजी सहित कई मुनिराजों आर्यिका माताजी ससंघ के 51 संतों के दर्शन लाभ एवं आशीर्वाद प्राप्त किया।
कार्यक्रम में संयोजक सुरेश ठोलिया एवं विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक 9 दिवसीय यात्रा दल जयपुर से भुसावर, भरतपुर, ज्ञान तीर्थ मुरैना, सिद्ध क्षेत्र सोनागिर, खजुराहो, कुण्डलपुर, बहोरीबंद, कटनी, जबलपुर, पनागर, रामटेक, भातकुली, नेमगिरी जिन्तूर, अन्तरिक्ष पार्श्वनाथ शिरपुर, शैगांव, मुक्तागिरी, भोजपुर, भोपाल, चांदखेडी एवं कोटा के दर्शन लाभ कर जयपुर लौटा, उक्त यात्रा दल के द्वारा चार एसी बसों द्वारा लगभग 3400 किलोमीटर मार्ग की यात्रा की गई संयोजक मनीष लुहाड़िया एवं जिनेन्द्र जैन के मुताबिक भुसावर में भू गर्भ से प्रकटित अतिशय कारी भगवान आदिनाथ की मूलनायक प्रतिमा के दर्शन लाभ पश्चात मुनि युधिष्टर सागर महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया। भरतपुर नसिया में प्राचीन मंदिर के दर्शनों के बाद सामूहिक आरती की गई। ज्ञान तीर्थ मुरैना में भक्ति संध्या एवं आरती के बाद सिद्ध क्षेत्र सोनागिर में सामूहिक पर्वत वन्दना कर 70 मंदिरों के दर्शन लाभ एवं मूलनायक भगवान चन्द्र प्रभू के अभिषेक, शांतिधारा की गई।
मुख्य संयोजक अमर चन्द दीवान खोराबीसल के मुताबिक खजुराहो में 16 प्राचीन मंदिरों की 35 वेदियों के दर्शन लाभ एवं आरती की गई। हिन्दू संस्कृति के प्राचीन मंदिरों को देखा।
कुण्डलपुर (मध्य प्रदेश ) में सामूहिक पर्वत वन्दना कर 78 मंदिरों के दर्शन लाभ प्राप्त किये। मुख्य मंदिर में मूलनायक भगवान आदिनाथ
बडे बाबा के अभिषेक, शांतिधारा एवं भक्तामर स्तोत्र विधान कर पुण्यार्जन किया। बहोरीबंद में आध्यात्मिक एवं धार्मिक कवि सम्मेलन का आनन्द लिया। कटनी के मनमौहक मंदिर के दर्शन उपरांत जबलपुर में पीसनहारी मढिया जी की पर्वत वन्दना उपरांत लाडगंज, हनुमान ताल आदि मंदिरों के दर्शन एवं नवाचार्य समय सागर मुनिराज ससंघ के दर्शन लाभ प्राप्त किये। इस मौके पर पाद पक्षालन, आचार्य विद्या सागर मुनिराज की सामूहिक पूजा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। रामटेक में सामूहिक संगीतमय पूजा की गई। श्रद्धालु भक्ति में झूम उठे। भातकुली में
मूलनायक भगवान आदिनाथ के दर्शन आरती की गई। अतिशयकारी चमत्कारी लकड़ी के पाटे पर बैठकर यात्रियों ने अपनी मनोकामना पूरी होने की भावना भाई। नेमगिरी पर्वत पर 7 गुफाओं में जिनबिम्बों के दर्शन लाभ प्राप्त किये। शिरपुर के अंतरिक्ष पार्श्वनाथ भगवान के दर्शन कर आत्मा तृप्त हो गई। सामूहिक स्तुति गाकर जैन समाज के दिगम्बर श्वेतांबर सम्प्रदायों में आपसी मनमुटाव समाप्त करने की भावना भाई। संयोजक सुरेश ठोलिया एवं मनीष लुहाड़िया ने बताया कि मुक्तागिरी में प्रातः विश्व के सब जीवों की सुख समृद्धि खुशहाली की मंगल कामना करते हुए सामूहिक प्रार्थना की गई। तत्पश्चात पर्वत वन्दना करते हुए 900 सिढियों के माध्यम से 52 जिनालयों के दर्शन लाभ प्राप्त किये। मुख्य मंदिर में भगवान पार्श्वनाथ के अभिषेक, शांतिधारा एवं पूजा अर्चना की गई।
संयोजक विनोद जैन कोटखावदा एवं जिनेन्द्र जैन के मुताबिक भोपाल पहुच कर गुणायतन प्रणेता मुनि प्रमाण सागर महाराज ससंघ एवं गणिनी आर्यिका 105 विज्ञाश्री माताजी ससंघ के दर्शन लाभ प्राप्त कर, आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर दोनों स्थानों पर सभागार जयकारा गुरु देव का एवं जयकारा गुरु मां का, से गुंजायमान हो उठा।
संयोजक विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि इससे पूर्व यात्रा दल में शामिल यात्री भक्तामर स्तोत्र काव्य पाठ की रचना करने वाले मानतुंगाचार्य के समाधि स्थल पहुचा जहां मंदिर में मूलनायक भगवान शांतिनाथ के सामूहिक दर्शन, अभिषेक, पूजा अर्चना कर प्रभू की भक्ति की । यात्रा दल के संयोजक विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि पद यात्रा संघ के संरक्षक सुभाष चन्द जैन एवं यात्रा दल के मुख्य संयोजक अमर चन्द दीवान खोराबीसल के नेतृत्व में गये 170 यात्रियों के जत्थे में शामिल पुरुष यात्रियों ने इस दौरान शुद्ध केसरिया वस्त्र धारण कर जयकारों के बीच मूलनायक भगवान शांतिनाथ की विशाल खडगासन प्रतिमा के अभिषेक, शांतिधारा कर पुण्यार्जन किया।
यात्रियों ने विश्व में सुख, शांति, समृद्धि और पूरे विश्व की मंगल कामना के साथ शांतिधारा का पुण्यार्जन किया
संयोजक सुरेश ठोलिया एवं मनीष लुहाड़िया के मुताबिक भोपाल में दानिश कुंज के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में चातुर्मासरत गणिनी आर्यिका 105 विज्ञा श्री माताजी ससंघ के दर्शन लाभ प्राप्त कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस मौके पर मंदिर कमेटी की ओर से संरक्षक सुभाष चन्द जैन, मुख्य संयोजक अमर चन्द दीवान खोराबीसल, संयोजक सुरेश ठोलिया, विनोद जैन कोटखावदा, मनीष लुहाड़िया, जिनेन्द्र जैन, शकुन्तला पाण्डया, दीपिका जैन कोटखावदा, उषा दीवान, मंजू जैन, मैना गंगवाल, मोना बाकलीवाल आदि का स्वागत व सम्मान किया पूजनीया माताजी ने आशीर्वचन दिये। इस मौके पर राजस्थान जैन सभा जयपुर द्वारा प्रकाशित महावीर जयंती स्मारिका माताजी को भेट की गई। सायंकाल सभी यात्री अवधपुरी में चातुर्मासरत शंका समाधान प्रणेता मुनि प्रमाण सागर महाराज ससंघ के दर्शन लाभ एवं आशीर्वाद प्राप्त करने के उपरांत सायंकाल विश्व प्रसिद्ध शंका समाधान कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर राजस्थान जैन सभा जयपुर द्वारा प्रकाशित महावीर जयंती स्मारिका भी मुनि श्री को भेट की गई। कमेटी की ओर सुभाष चन्द जैन, विनोद जैन कोटखावदा, अमर चन्द दीवान खोराबीसल,वैधराज अशोक गोधा, सुमन गोधा, शकुन्तला पाण्डया, दीपिका जैन कोटखावदा, ऊषा दीवान आदि का शाॅल ओढाकर सम्मान किया गया। श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन चन्द्रोदय अतिशय क्षेत्र चांदखेडी में भगवान आदिनाथ के अभिषेक, शांतिधारा का पुण्यार्जन किया गया।
दोपहर में संत शिरोमणि आचार्य विद्या सागर मुनिराज के शिष्य मुनि विशद सागर महाराज,
विभोर सागर महाराज,
शिव सागर महाराज एवं
ऐलक वैराग्य सागर के वर्ष 2025 के वर्षा योग मंगल कलश स्थापना कार्यक्रम में झण्डारोहण पश्चात आचार्य विद्या सागर मुनिराज के चित्र का अनावरण किया गया। इससे पूर्व श्रीफल भेट कर मुनि संघ से आशीर्वाद प्राप्त किया। राजस्थान जैन सभा जयपुर द्वारा प्रकाशित महावीर जयंती स्मारिका भेट की गई।
मुख्य संयोजक अमर चन्द दीवान खोराबीसल ने बताया कि कोटा के विज्ञान नगर दिगम्बर जैन मंदिर में गणिनी आर्यिका विभाश्री माताजी ससंघ के दर्शन लाभ प्राप्त कर आशीर्वाद प्राप्त किया। । पूजनीया माताजी ने अपने आशीर्वचन में जैन संस्कृति की रक्षा एवं धर्म प्रभावना बढाने के लिए धार्मिक यात्राओं एवं पदयात्राओं को महत्व पूर्ण बताया। इस मौके पर अध्यक्ष सुभाष चन्द जैन, उपाध्यक्ष विनोद जैन कोटखावदा, कोषाध्यक्ष अमर चन्द दीवान खोराबीसल के नेतृत्व में राजस्थान जैन सभा जयपुर द्वारा प्रकाशित महावीर जयंती स्मारिका भी माताजी को भेट की गई।
तत्पश्चात यात्रा दल कोटा के महावीर नगर प्रथम स्थित प्रज्ञा लोक पहुचा जहां आचार्य प्रज्ञा सागर महाराज ससंघ के सानिध्य में आयोजित आनन्द यात्रा कार्यक्रम में सहभागिता निभाई।
आचार्य श्री ने पदयात्रा संघ द्वारा की जा रही गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए धार्मिक यात्रा का आयोजन कर वृद्ध जनों को तीर्थ क्षेत्रों की यात्रा करवाने, दिगम्बर जैन साधु संतों के दर्शन लाभ दिलाने के लिए पदयात्रा संघ के पदाधिकारियों को श्रवण कुमार की उपाधि देते हुए उन्हें इस तरह की यात्राए तथा पद यात्राओं के निर्विघ्न आयोजन के लिए आशीर्वाद प्रदान किया।
इस मौके पर राजस्थान जैन सभा जयपुर के अध्यक्ष सुभाष चन्द जैन, उपाध्यक्ष विनोद जैन कोटखावदा, कोषाध्यक्ष अमर चन्द दीवान खोराबीसल के नेतृत्व में राजस्थान जैन सभा जयपुर द्वारा महावीर जयंती पर प्रकाशित महावीर जयंती स्मारिका भी आचार्य श्री को भेट की गई। इस मौके पर चातुर्मास कमेटी की ओर सुभाष चन्द जैन, अमर चन्द दीवान खोराबीसल,सुरेश ठोलिया, विनोद जैन कोटखावदा, मनीष लुहाड़िया, जिनेन्द्र जैन,
वैधराज अशोक गोधा, सुमन गोधा, शकुन्तला पाण्डया, दीपिका जैन कोटखावदा, ऊषा दीवान, मंजू जैन आदि का माल्यार्पण, दुपट्टा व पगड़ी लगाकर सम्मान किया गया। इस मौके धार्मिक प्रश्न मंच के सही जवाबों पर आचार्य श्री द्वारा पुरस्कृत किया गया,अन्त में श्री जी एवं आचार्य श्री की आरती का पुण्यार्जन समाज श्रेष्ठी मोती लाल पापडीवाल चौमू वालों ने किया। रात्रि में सभी यात्रियों ने चम्बल नदी पर रिवर फ्रंट का भ्रमण किया। श्री जैन के मुताबिक यात्रा के दौरान राजस्थान जैन सभा जयपुर द्वारा प्रकाशित महावीर जयंती स्मारिका साधु संतों एवं क्षेत्र कमेटियों को भेट की गई।

राजाबाबू गोधा जैन महासभा मिडिया प्रवक्ता राजस्थान

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