जयपुर शहर में आर्यिका सुदर्शमति माताजी का हुआ भव्य समाधिमरण
विधि विधान से किया पंच तत्व में विलीन – एस एफ एस जैन मंदिर के पास हुआ अंतिम संस्कार
फागी संवाददाता
जयपुर – 22 नवम्बर – परम पूज्य तपस्वी आचार्य 108 सुंदर सागर महामुनिराज की संघस्थ शिष्या आर्यिका 105 सुदर्शमति माताजी का 18 उपवास उपरांत अरिहंत सिद्ध श्रवण करते हुए श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर एस एफ एस जयपुर शहर में शनिवार को प्रातः भव्य समाधि मरण हो गया। आर्यिका माताजी के समाधिमरण की खबर फैलते ही जयपुर जैन समाज में खुशी का वातावरण हो गया। बडी संख्या में श्रद्धालु एस एफ एस के दिगम्बर जैन मंदिर पहुच गए, कार्यक्रम में समिति अध्यक्ष कमलेश चन्द जैन एवं महामंत्री सोभाग मल जैन ने बताया कि प्रातः 10.00 बजे मंदिर परिसर से गाजो बाजों के साथ माताजी की डोल यात्रा निकाली गई जो एस एफ एस सेक्टर 1 से होते हुए, शॉपिंग सेंटर का चक्कर लगाकर वापस एस एफ एस दिगंबर जैन संत भवन में पहुची डोल यात्रा में बडी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए,तत्पश्चात आचार्य 108 सुंदर सागर मुनिराज, आचार्य शशांक सागर मुनिराज ससंघ के पावन सानिध्य में मंदिर के पास ही खाली भूमि पर आर्यिका सुदर्शमति माताजी का विधि विधान से अंतिम संस्कार क्रियाकर्म करवाया गया। इस मौके पर समाज श्रेष्ठी अशोक – शकुंतला, अंकित, अंकुर चांदवाड कीर्ति नगर वालों को मुखाग्नि देने का पुण्यार्जन प्राप्त हुआ, एसएफएस दिगम्बर जैन मंदिर कमेटी के अध्यक्ष कमलेश चंद जैन को दुग्ध कलश, समाधि पर घीअर्जन करने का डॉ. राजेश काला – नीता जैन को, समिति के महामंत्री सौभाग मल जैन- अंजना देवी जैन कासलीवाल परिवार को माताजी का कमंडल लेने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
राजस्थान जैन सभा जयपुर के उपाध्यक्ष विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि डोला यात्रा सहित अंतिम संस्कार क्रिया क्रम में महिलाएं भी बड़ी संख्या में शामिल हुई,इसके साथ ही चित्रकूट कालोनी से आए हुए समाज बन्धु, वरुण पथ, हीरा पथ, थड़ी मार्केट,मीरामार्ग, महारानी फार्म, दुर्गापुरा, श्योपुर, फागी ,चौमू बाग सहित आसपास के दिगंबर जैन मंदिरों के पदाधिकारियों सहित सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए।
राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान














