शतरंज के क्षेत्र में हो रहे विभिन्न स्कूल टूर्नामेंट्स में छात्रों को बराबर अवसर मिलना चाहिए, लेकिन यह देखकर अत्यंत खेद होता है कि सीबीएसई स्कूलों द्वारा आयोजित शतरंज टूर्नामेंट्स में आरबीएसई (राजस्थान बोर्ड) के छात्रों को भाग नहीं लेने दिया जाता, जबकि आरबीएसई द्वारा आयोजित टूर्नामेंट्स में सीबीएसई स्कूलों के छात्र सहजता से भाग लेते हैं।
यह स्थिति स्पष्ट रूप से भेदभावपूर्ण है और “खेलों में समानता” की भावना के विरुद्ध है।
हमारा मानना है कि:
✅ या तो दोनों ही बोर्ड्स के टूर्नामेंट्स सिर्फ अपने-अपने बोर्ड के छात्रों के लिए सीमित रहें,
✅ या फिर दोनों बोर्ड्स के छात्र एक-दूसरे के टूर्नामेंट्स में समान रूप से भागीदारी कर सकें।
राजस्थान के हजारों होनहार शतरंज खिलाड़ियों को सिर्फ बोर्ड के आधार पर टूर्नामेंट से बाहर रखना उनकी प्रतिभा और आत्मविश्वास को ठेस पहुंचाने वाला है।
मैं, जिनेश कुमार जैन,
अभिभावक एवं मीडिया प्रभारी – चेस पेरेंट्स एसोसिएशन राजस्थान,
इस विषय पर संबंधित खेल संगठनों, शैक्षणिक बोर्ड्स और आयोजकों से निवेदन करता हूँ कि इस विषय पर गंभीरतापूर्वक विचार करें और न्यायसंगत नीति लागू करें, ताकि हर छात्र को समान अवसर मिल सके और शतरंज का समग्र विकास सुनिश्चित हो।
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जिनेश कुमार जैन
अभिभावक एवं मीडिया प्रभारी
चेस पेरेंट्स एसोसिएशन, राजस्थान