जयपुर परिक्षेत्र के दुर्गापुरा की पावन धरा पर गणिनी आर्यिका 105 सरस्वती माताजी स संघ का हुआ भव्य पिच्छिका परिवर्तन समारोह सानंद पूर्वक संपन्न

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जयपुर परिक्षेत्र के दुर्गापुरा की पावन धरा पर गणिनी आर्यिका 105 सरस्वती माताजी स संघ का हुआ भव्य पिच्छिका परिवर्तन समारोह सानंद पूर्वक संपन्न

प्रसिद्ध समाज सेवी नेमप्रकाश -देव प्रकाश खण्डाका परिवार ने गणिनी आर्यिका श्री 105 सरस्वती माताजी को पिच्छिका भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त किया

फागी संवाददाता
30नवम्बर
भारत गौरव आचार्य रत्न श्री 108 देशभूषण जी महामुनिराज की सुयोग्य शिष्या गणिनी आर्यिका श्री 105 सरस्वती माताजी स संघ का 30 नवम्बर को दुर्गापुरा के चंद्रप्रभु जिनालय में सैंकड़ों श्रावकों श्राविकाएं की उपस्थिति में भव्य पिच्छिका परिवर्तन समारोह सम्पन्न होने के बाद 32 वां पावन चातुर्मास 2025 का विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजनों के बाद हर्षोल्लास पूर्वक समापन हुआ, कार्यक्रम में जैन गजट के राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया कि उक्त कार्यक्रम में ट्रस्ट के यशस्वी अध्यक्ष प्रकाश चांदवाड एवं मंत्री राजेन्द्र काला ने बताया कि पिच्छिका परिवर्तन समारोह का कार्यक्रम का शुभारंभ दोपहर 1.15 बजे हुआ जिसमें नेमीचंद -मंजू जैन सोनी परिवार जामडोली वालों ने चित्र अनावरण, एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया उक्त कार्यक्रम के भोजन पुण्यार्जक शिखरचंद -मनोज कुमार कासलीवाल परिवार रहे, कार्यक्रम में महिला मंडल की संरक्षक चंदा सेठी एवं रानी सोगानी ने बताया कि कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा सुंदर नृत्य प्रस्तुति के साथ मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया , तथा विभिन्न परम्पराचार्यों को महिला मंडल द्वारा अर्घ्य अर्पित कर पूजा अर्चना की गई साथ ही ट्रस्ट समिति सहित आगंतुक अतिथियों द्वारा भी भक्ति भाव से अर्घ्य समर्पित किये गये,सभी भक्तों ने एवं महिला मंडल ने झूमते हुए अष्ट द्रव्यों से गणिनी आर्यिका श्री 105 सरस्वती माता जी की पूजन की ,कार्यक्रम में आर्यिका श्री ने अपने मंगलमय आशीर्वचन में श्रद्धालुओं को बताया कि पिच्छिका परिवर्तन में मन का परिवर्तन होना चाहिए, अपने विचारों को परिवर्तित कर संयम की ओर बढ़ने का यह दिन है, पिच्छिका में पांच गुण होते हैं,मृदुता अर्थात कोमलता, सुकुमारता (अहिंसा का पालन), हल्कापन, पसीना ग्रहण न करना और धूल मिट्टी ग्रहण न करना,नव युवाओं को धर्म के प्रति आस्था जाग्रत करने के लिए, बालकों में जैन संस्कारों का बीजारोपण करने के लिए, अहिंसा के महत्व को दर्शाने के निमित्त से पिच्छिका का परिवर्तन कार्यक्रम का आयोजन विशाल स्तर पर किया जाता है। पुरानी पिच्छिका घर में रखने से वैराग्य की प्रेरणा मिलती है|
गणिनी आर्यिका श्री 105 सरस्वती माताजी को सर्वोच्च बोली द्वारा पिच्छिका भेंट करने का सौभाग्य सरदारमल, नेमप्रकाश ,देव प्रकाश, संतकुमार सतीश-कल्पना, अशोक कुमार,महेश ,मुकेश, तथा आदर्श खण्डाका परिवार ने प्राप्त किया, तथा आर्यिका श्री 105 अनन्तमती माताजी को पिच्छिका, शास्त्र एवं वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य पारस मल, नेमीचंद , नमन कुमार पाटनी परिवार ने प्राप्त किया तथा आर्यिका श्री 105 महोत्सवमती माताजी को पिच्छिका भेंट करने का सौभाग्य हर्षचंद ,मनोज कुमार सोगानी परिवार पहाडी वालों ने प्राप्त किया, एवं आर्यिका सरस्वती माताजी को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य भागचन्द, दिनेश कुमार ,राकेश कुमार सेठी ने प्राप्त किया, महोत्सव मती माताजी को विमल कुमार – सुशीला देवी राकेश पोद्दार परिवार ने तथा निश्चयमती माताजी को शास्त्र एवं महोत्सव मती माताजी को वस्त्र भेंट करने का एवं आर्यिका संघ का पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य राजेश कुमार जी पंकज कुमार जी, नेहा जी, वैद परिवार ने प्राप्त किया एवं आर्यिका सरस्वती माताजी को वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य लाल चन्द , हरिश कुमार, मनीष छाबड़ा परिवार ने प्राप्त किया, निश्चयमती माताजी को वस्त्र भेंट करने का सौभाग्य सुधीर -किरण जी बिलाला को तथा आर्यिका सरस्वती माताजी की आरती करने का सौभाग्य प्रकाश चन्द – मनोरमा जी चांदवाड ने प्राप्त किया कार्यक्रम में परम पूज्य आर्यिका श्री 105 निश्चयमती माताजी की मुख शुद्धि की क्रिया सरस्वती माताजी ने भक्ति वाचन करके गणधरवलय के उपवास करने का नियम देकर कराई, कार्यक्रम में पंडित विमल कुमार जी सोगानी बनेठा ने कार्यक्रम को कुशलता पूर्वक संचालित किया ट्रस्ट की ओर से सभी आगंतुकों अतिथियों में अशोक चांदवाड, सी.एस.जैन, विनोद कोटखावदा, जैन गजट के राजाबाबू गोधा ,पुण्यार्जक परिवारजनों का ट्रस्ट के सुनील संगही, नरेश बाकलीवाल, विमल गंगवाल, सतेन्द्र पांड्या, जयकुमार जैन, यश कमल अजमेरा, दिलिप कासलीवाल, नेमी निगोतिया, महावीर चांदवाड ने एवं महिला मंडल की अध्यक्षा श्रीमती रेखा लुहाड़िया ,मंत्री रानी सोगानी, रेखा पाटनी ने स्वागत सम्मान किया, कार्यक्रम में मंत्री राजेन्द्र काला ने सभी आगंतुकों का आभार व्यक्त किया अंत में जिनवाणी स्तुति से कार्यक्रम का समापन हुआ।

राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान

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