जयपुर पारस विहार मुहाना मंडी के चिंतामणि पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में विराजित 300 वर्ष प्राचीन पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा का 13 वां वार्षिक स्थापना दिवस राजकीय अतिथि प्राप्त परम प्रभावक, दिव्य तपस्वी, राष्ट्र संत आचार्य श्री 108 सुंदर सागर जी महाराज संसंघ एवं आचार्य श्री 108 शशांक सागर जी महाराज के सानिध्य में बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया

0
1

जयपुर पारस विहार मुहाना मंडी के चिंतामणि पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में विराजित 300 वर्ष प्राचीन पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा का 13 वां वार्षिक स्थापना दिवस राजकीय अतिथि प्राप्त परम प्रभावक, दिव्य तपस्वी, राष्ट्र संत आचार्य श्री 108 सुंदर सागर जी महाराज संसंघ एवं आचार्य श्री 108 शशांक सागर जी महाराज के सानिध्य में बड़े हर्षोल्लास से मनाया गया

फागी संवाददाता
30 नवम्बर
जयपुर शहर के पारस विहार मुहाना में स्थित पार्श्वनाथ जिनालय के 13 वें वार्षिक उत्सव पर राजकीय अतिथि प्राप्त आचार्य श्री सुन्दर सागर जी महाराज स संघ का जयकारो के साथ भव्य मंगल प्रवेश हुआ कार्यक्रम जैन गजट के राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया कि संघ को बेंड बाजों के द्वारा जयकारों के साथ विभिन्न कालोनियों से नगर भ्रमण करते हुए पारस विहार मुहाना मंडी के पार्श्वनाथ जिनालय पर लाया गया जहां पर सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा मंगल कलशों से आगवानी कर संघ का पाद प्रक्षालन करके आरती कर संत भवन में ठहराया गया कार्यक्रम में आचार्य श्री ने 300 वर्ष प्राचीन जिन प्रतिमा के दर्शन कर अपने को अभिभूत किया और मंदिर समिति को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि यहां पर छोटा समाज होते हुए ऐसा सुन्दर जिनालय है यह भगवान पार्श्वनाथ का चमत्कार है,कार्यक्रम में मंदिर समिति के यशस्वी अध्यक्ष पवन कुमार गोदिका ने बताया कि आचार्य श्री 108सुंदर सागर जी महाराज ससंघ का 30.11.25 को प्रातः 7.00 बजे एस. एफ. एस. जैन समाज,चित्रकूट कालोनी जैन समाज की सहभागिता से एसएफएस मंदिर से बिहार कर प्रातः 8.00 बजे बोनी हाइट सोसाइटी गेट नंबर ३ मुहाना मंडी पर पहुंचे समिति के कोषाध्यक्ष विरेन्द्र के सेठी,संरक्षक संतोष जी सडूवाले एवं समाज के सभी साधर्मी बंधुओं ने संघ की अगवानी की एवं आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन किया गया, कार्यक्रम में मंदिर समिति के मंत्री प्रमोद बाकलीवाल ने बताया कि भव्य जुलुस के साथ आचार्य श्री संसंघ का पारस विहार चिंतामणि पाश्व॑नाथ दिगंबर जैन मंदिर जी में प्रात: 8.30 मंगल प्रवेश हुआ, जहां पर आचार्य श्री के आशीष प्रवचन से पूर्व आचार्य श्री विमल सागर जी गुरु भगवन के चित्र अनावरण करने का सौभाग्य मृणाल-नताशा, वंशिका, योगिता अलवर वालों को मिला, तत्पश्चात् आचार्य श्री ने अपने मंगलमय उद्बोधन श्रावकों को पद्मपुराण में श्रीरामचरितमानस का महत्त्व समझाया,
कार्यक्रम में मंदिर के उपाध्यक्ष धमेंद्र गोदिका ने बताया कि समिति के अध्यक्ष पवन कुमार – सरोज, प्रतीक, आध्या, मानवी गोदिका एवं भागचंद जी- रतन देवी, अशोक जी,अरुण जी- शशीजी रेवड़ीवाले को आचार्य श्री का पाद प्रक्षालन का सौभाग्य मिला ,आचार्य श्री के सानिध्य में चौसठ ऋद्धि मंडल विधान पुजा विधानाचार्य रमेश जी गंगवाल/सन्मति बडजात्या द्वारा बड़े हर्षोल्लास के साथ से सम्पन्न हुई,आचार्य श्री का एक दिवस सानिध्य मिलने पर मंदिर के संरक्षक आदरणीय देव प्रकाश जी खण्डाका पारस विहार एवं आसपास की कॉलोनी के प्रवासी रत्नत्रय महिला जाग्रति संघ, केसर चौराहा मुहाना मंडी रोड, सकल जैन समाज जयपुर के लगभग 551 साधर्मी बंधुओं ने पूरे उत्साह के साथ सभी कार्यक्रमों में शामिल होकर धर्म लाभ प्राप्त किया।

राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here