जयपुर नगर में ऐतिहासिक जिनबिंब पंचकल्याणक महोत्सव राजेश जैन दद्दू इंदौर

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जयपुर नगर में ऐतिहासिक जिनबिंब पंचकल्याणक महोत्सव
राजेश जैन दद्दू
इंदौर
भारत देश के सबसे अमुल्य भगवान जयपुर के दिगम्बर जैन मंदिर में विराजमान होंगेः श्रमण मुनि आदित्य सागर जी महाराज। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि
देश में पहली बार 32 जिन मंदिरों की 500 जिन प्रतिमाओं की एक साथ होगी प्राण प्रतिष्ठा एवं जिन बिम्ब पंचकल्याणक महोत्सव 9 से 15 नवम्बर तक होगा विशाल नेमिनाथ जिन बिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव एवं 8 नवम्बर को होगा मुनि संसघ का पिच्छीका परिवर्तन समारोह।भारत की धार्मिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक परंपराओं में एक नया स्वर्णिम अध्याय जुड़ने जा रहा है। गुलाबी नगरी जयपुर की पुण्यभूमि पर इस वर्ष एक ऐतिहासिक और अप्रतिम जिन बिम्ब पंचकल्याणक महामहोत्सव का भव्य आयोजन होने जा रहा है भारत में पहली बार 500 से अधिक जिन प्रतिमाओं की एक साथ प्राण प्रतिष्ठा का शुभ अवसर। यह दिव्य आयोजन श्रंमण संस्कृति के महामहिम पट्टाचार्य आचार्य श्री विशुद्ध सागर महामुनिराज के परम प्रभावग शिष्य, श्रुत संवेगी मुनि महाश्रमण 108 आदित्य सागर महाराज मुनिश्री अप्रमित सागर जी महाराज मुनिश्री सहज सागर जी एवं छुल्लक श्रेयश सागर ससंघ के मंगलमय पावन सानिध्य में 9 से 15 नवम्बर 2025 तक श्रद्धा और भक्ति के महासागर के रूप में ऐतिहासिक जिनबिंब पंचकल्याणक महामहोत्सव संपन्न होगा। ददू ने कहा कि
* अद्वितीय आयोजनः श्रद्धा, भव्यता और अध्यात्म का संगम
यह ऐतिहासिक जिनबिंब पंचकल्याणक महोत्सव प्रबंधकारिणी समिति, श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर कीर्ति नगर द्वारा आयोजित किया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष प्रेम कुमार जैन और महामंत्री जगदीश जैन ने बताया कि यह आयोजन टोंक रोड स्थित मुंशीमहल गार्डन में भव्य स्तर पर होगा, जहां लगभग 11,000 वर्ग फीट क्षेत्रफल में सुसज्जित विशाल पंडाल का निर्माण झांसी उत्तर प्रदेश के प्रसिद्ध कारीगरों द्वारा किया जा रहा है। सम्पूर्ण पंडाल को नए पवित्र वस्त्रों और पारंपरिक सजावटों से सजाया जा रहा है, जिससे यह स्थल एक जीवंत तीर्थ के रूप में रूपांतरित हो जाएगा। पंचकल्याणक महोत्सव के संरक्षक शिरोमणि दीक्षांत हाड़ा ने बताया की इस महोत्सव का प्रमुख आकर्षण होगा। देश की सबसे विशाल स्फटिक (इसेफ टिक) की भगवान पार्श्वनाथ मनहोरी प्रतिमा । स्वर्ण रजत एवं बहुमूल्य रत्नों से निर्मित जिन प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा, श्रुत संवेगी मुनि आदित्य सागर महाराज ने संवाददाताओं को कहा कि यह आयोजन केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा और सांस्कृतिक एकता का विराट पर्व बनने जा रहा है, जो विश्व जैन समाज के लिए गौरव का विषय होगा। उन्होंने बताया कि देश के सबसे बहुमूल्य भगवान की प्रतिमा जयपुर के जैन मंदिरों में विराजमान होगी। पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव से श्रद्धालुओं की धर्म के प्रति प्राथमिकता एवं प्रभावना बढ़ेगी। प्रचार मंत्री आशीष बैद ने बताया कि महोत्सव की शुरूआत 8 नवम्बर को मुनिश्री की पवित्र “पिच्छीका परिवर्तन समारोह” से होगी, जिसमें देशभर से 2000 से अधिक श्रावक-श्राविकाएँ भाग लेंगी। मुख्य समन्वयक प्रचार-प्रसार विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक इसके पश्चात 9 से 15 नवम्बर तक सात दिवसीय जिनबिंब पंचकल्याणक अनुष्ठान महामहोत्सव अत्यंत भव्य रूप में संपन्न होंगे। प्रत्येक दिन प्रातः 6 बजे से नित्य नियम पुजा अभिषेक श्रीजी की शांतिधारा के साथ मुनि आदित्य सागर महाराज के मंगलमय देशना आशीर्वचन होंगे। संध्या काल में मुनिश्री की आरती, इंद्र सभा, तथा सांस्कृतिक एवं भक्ति संगीत कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिनमें श्रद्धालु समाज जन भक्तिपूर्वक भाग लेंगे। इन प्रतिष्ठित 500 प्रतिमाओं को देश के 32 जैन मंदिरों में विराजमान किया जाएगा । स्फटिक का नन्दीश्वर द्वीप भारत में पहली बार जयपुर में विराजमान होगा। विश्व की सबसे बड़ी खडगासन प्रतिमा भगवान पार्श्वनाथ की जो स्फटिक मणि की बनेगी। जयपुर में विराजमान होगी। ये सारी प्रतिमाएं बनाने के लिए भारत के साथ अफगानिस्तान, ब्राजील आदि देशों से भी पत्थर मंगाया गया है। सारी प्रतिमाएं जयपुर में ही निर्मित की जा रही है। लगभग ढाई साल से इन मूर्तियों का निर्माण कार्य चल रहा है। कसौटी पत्थर की भी प्रतिमा बनाई जा रही है।

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