“उत्तम आर्जव रीति बखानी, रंचक दगा बहुत दु:खदानी”
आर्जव धर्म हमें नम्रता सिखाता -आर्यिका धारणामति
तत्वार्थ सूत्र का हुआ वाचन, श्रावकों ने अर्घ किए समर्पित-
अखिल भारतीय स्वस्ति महिला मंडल ने तत्वार्थ सूत्र का किया वाचन-
(ललितपुर) वर्णीनगर मडा़वरा में पर्वराज पर्यूषण के तृतीय दिवस उत्तम आर्जव धर्म के अवसर पर नगर में चातुर्मासरत आचार्य श्रेष्ठ 108 विद्यासागर महाराज की परम प्रभावक शिष्या आर्यिका रत्न 105 दृढमति माता जी संघस्थ आर्यिका धारणामति,मुदितमति,
शास्त्रमति माता जी के पावन सानिध्य में दसलक्षण महापर्व सम्पन्न हो रहे हैं।प्रातःकालीन बेला में ब्रह्मचारी राजेश भैया टडा (गंजबासोदा) के निर्देशन में
श्रीजी का अभिषेक,शांतिधारा,
पूजन,दशलक्षण विधान चल रहा है।संगीतकार सुनील कोलारस की संगीतमयी स्वरलहरियों पर श्रद्धालु प्रभु की भक्ति में झूम रहे हैं।बताते चलें प्रतिदिन श्रीजी का अभिषेक एवं शांतिधारा नगर के श्रेष्ठियों द्वारा की जा रही है।शांतिधारा करने का सौभाग्य राजकुमार,
शैलेष जैन,रितेश जैन खुटगुंवा,
दीपचंद्र ,ऋषि जैन दुकान वाले, प्रकाशचंद्र,शांतिकुमार,हर्षवर् धन,
राहुल जैन सेठी परिवार,सवाई सिंघई श्रेयांस कुमार,डिम्पल जैन ने प्राप्त किया।तत्पश्चात आर्यिका श्री के प्रवचन के पूर्व अखिल भारतीय स्वस्ति महिला मंडल की दस बहिनों दर्शना जैन,प्रतिभा,अंजली,
नम्रता,वर्षा,निधि,सुषमा,ममता,
संध्या,दिया जैन ने क्रमशः तत्वार्थ सूत्र के एक-एक अध्याय का वाचन किया।
उत्तम आर्जव धर्म पर संबोधित करते हुए आर्यिका श्री 105 धारणामति माता जी ने कहा कि आर्जव धर्म हमें सरलता सिखाता है।आर्जव का अर्थ है -ऋजुता या सरलता।मन में कुछ ,वचन में कुछ,व्यवहार में कुछ प्रवृत्ति ही मायाचारी है।इस माया,कषाय को जीतकर मन,वचन,काय,की क्रिया में एकरुपता लाना ही उत्तम आर्जव धर्म है।हमें संकल्प लेना होगा कि हम सरल स्वभावी बनें,कुटिलता से बचें।हमेशा दूसरों के साथ सदव्यवहार करें। सरलता ही उत्तम आर्जव धर्म का प्रतीक है। दोपहर में आर्यिका संघ ने तत्वार्थ सूत्र के तृतीय अध्याय को अर्थ सहित समझाया।सायंकाल में प्रतिक्रमण, आचार्य भक्ति,प्रश्न मंच,
महाआरती,व्रह्मचारी भैया के प्रवचन एवं आचार्य विद्यासागर संस्कार वर्णी पाठशाला के नन्हें- मुन्हें बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।कार्यक्रम में वर्षायोग समिति के कोषाध्यक्ष अभिषेक जैन खुटगुंवा,रानू जैन दुकान वालों का विशेष सहयोग मिल रहा है। कार्यक्रम का संचालन चातुर्मास समिति के मंत्री प्रदीप जैन खुटगुंवा ने किया।