जैनचार्य श्रुतेशसागर जी महाराज सत्संग के पाद पक्षालन से भक्तामर स्तोत्र का पाठ का शुभारंभ हुआ

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दिगंबर अवस्था ही जैन मुनि की पहचान बताई
नैनवा 1 अगस्त गुरुवार 2024 शांति वीर धर्म स्थल पर जैनचार्य श्रुतेश सागर महाराज ने प्रातः8 30 पर
शैलेंद्र कुमार जैन मारवाड़ा परिवार द्वारा पाद पक्षालन चित्र अनावरण किया श्रीमती सीमा जैन मारवाड़ा मंगलाचरण की प्रस्तुति दी
वर्षा योग समिति द्वारा मारवाड़ा परिवार का स्वागत सम्मान भी किया
दिगंबर अवस्था ही जैन साधु की पहचान है
दिगंबर मुनि संपूर्ण कपड़ों का त्याग करने पर ही दिगंबर साधु की पहचान होना बताया
हाथ में पिछीका कमंडल मुख्य पहचान बताएं मुनि ने यह भी बताया कि पहले मनुष्य को अपने मन में शांति होना चाहिए शांति के बाद लोक की शांति उसके बाद संपूर्ण संसार की शांति ऐसी भावना भाना भी पुण्य का सचय होना मुनि ने बताया भगवान के जिनालयों में भक्ति दर्शन करने मात्र से मन को बहुत कुछ शांति प्राप्त होती है ईश्वर के दरबार में बिना मांगे भक्त को बहुत कुछ प्राप्त होता है यह सब भक्त के पुण्य का प्रभाव होना मुनि ने बताया
जिनवाणी ज्ञान देने वाली है
छुल्लक सुप्रकाश सागर महाराज ने बताया की जिनवाणी ज्ञान से ही एक ही वस्तु को अलग नाम से जाना जाता है
मुनि ने बताया कि आज जो पुत्र है कल पिता के नाम से जाना जाता है वही पिता कल दादा बन जाता है दादा के नाम से जाना जाता है एक ही व्यक्ति के अनेक नाम से पुकारने का ज्ञान भी जिनवाणी बताती है
जैन दर्शन में मुनि ने सात कथन बताते हुए कहा कि
गुरु के प्रति समर्पित भावना से ही
समर्पण होने पर गुरु ज्ञान देकर संसार से पार करने का मार्ग बताते हैं
अज्ञानता के कारण ही जीव इस संसार में भटक रहा है
दिगंबर जैन प्रवक्ता महावीर कुमार सरावगी नैनवा

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