जैनाचार्य वसुनंदी रचित महाकाव्य “अशोक रोहिणी चरित्र” का हुआ विमोचन

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जयपुर- 28/01/25 दिगंबर जैनाचार्य प्राकृत चक्रवर्ती श्री १०८ वसुनंदी महामुनिराज द्वारा रचित महाकाव्य “अशोक रोहिणी” का मंगलवार को धर्म जागृति संस्थान राजस्थान प्रान्त द्वारा जयपुर के विभिन्न जैन मंदिरों के पदाधिकारियों से विमोचन कराया गया ।
संस्थान के संयुक्त महामंत्री संजय जैन बडजात्या कामां के अनुसार ग्रंथ”असोग-रोहिणी-चरियं” (अशोक रोहिणी चरित्र) महाकाव्य आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज द्वारा रचित दिगंबर परम्परा का सबसे वृहद् प्राकृत महाकाव्य है, जो 2442 गाथाओं में निबद्ध व 21 नंदों में विभक्त है। यह महाकाव्य रोहिणी व्रत के माहात्म्य को प्रदर्शित करने वाला है। इसमें अशोक व रोहिणी का अत्यंत प्रेरणादायक चरित्र है। यह ग्रंथ बहुत सरल, रुचिकर व महत्वपूर्ण है। इस अवसर स्थानीय जैन मंदिर जनकपुरी , कीर्ति नगर , मीरा मार्ग , थड़ी मार्केट , प्रताप नगर , बरकत नगर आदि के प्रतिनिधि उपस्थित रहे । पंकज लुहाड़िया ने बताया की प्रत्येक श्रावक को इस ग्रंथ का अध्ययन अवश्य ही करना चाहिए। इस ग्रंथ की इक्यावन प्रति उपस्थित सभी मंडल धारकों को मंदिरों के लिए स्वाध्याय हेतु उपहार स्वरूप प्रदान की गई ।

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