जैनाचार्य वसुनंदी जी महाराज का भव्य मंगल प्रवेश 12 को

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सिहोनिया से 10 फरवरी को होगा पद विहार
श्री नंदीश्वर द्वीप जिनालय का होगा महामस्तकाभिषेक

मुरैना (मनोज जैन नायक) दिगम्बराचार्य वसुनंदी जी महा मुनिराज ससंघ का मंगल आगमन मुरैना नगर में 12 फरवरी को होने जा रहा है ।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभीक्षण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री 108 वसुनंदी जी महामुनिराज अपने 21 शिष्यों के साथ अतिशय क्षेत्र सिहोनिया जी में विराजमान हैं। पूज्य गुरुदेव के ससंघ सान्निध्य में जैन तीर्थ अतिशय क्षेत्र सिहोनिया में श्री मज्जिमेंद्र जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव का छः दिवसीय आयोजन 05 फरवरी से 10 फरवरी तक चल रहा हैं । प्राण प्रतिष्ठा एवं विश्व शांति महायज्ञ का समापन 10 फरवरी को होगा ।
महोत्सव के समापन पश्चात पूज्य आचार्य श्री वसुनंदी जी महा मुनिराज अपने 21 शिष्यों के साथ 10 फरवरी को दोपहर 3 बजे मुरैना की ओर पद बिहार करेंगे। रात्रि विश्राम मिरघान में होगा । 11 फरवरी की आहारचर्या बड़ागांव में होगी । रात्रि विश्राम मुड़ियाखेड़ा के आसपास होने की संभावना है ।
बुधवार 12 फरवरी को बड़ोखर में जैन समुदाय के लोग सामूहिक रूप से आचार्य संघ की अगवानी करेंगे । वहां से गाजे बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा के रूप में पूज्य गुरुदेव को श्री महावीर दिगम्बर जैन नसियां जी मंदिर लाया जाएगा । अम्बाह रोड पर स्थित नसियां जी जैन मंदिर में परम पूज्य गुरुदेव सरस्कोद्धारक आचार्य ज्ञानसागर जी महाराज की प्रेरणा एवं आशीर्वाद से निर्मित श्री नंदीश्वर द्वीप एवं पंचमेरू में विराजमान जिनबिम्बो का महामस्तकाभिषेक किया जायेगा । नंदीश्वर द्वीप जिनालय का अभी हाल ही में युगल मुनिराज श्री शिवानंद जी एवं मुनिश्री प्रश्मानंद जी महाराज की प्रेरणा से सौंदर्यीकरण कराया गया था ।
क्या है नंदीश्वर द्वीप जिनालय –
जैन दर्शन के अनुसार हम जम्बूद्वीप के भरत क्षेत्र के आर्यखंड में निवासरत हैं । यहां से जो आठवां द्वीप है उसे नंदीश्वर द्वीप कहते हैं ।श्री नंदीश्वर द्वीप जिनालय की चारों दिशाओं में तेरह तेरह जिन मंदिर एवं चैत्यालय होते हैं । प्रत्येक दिशा में एक एक अंजनगिरी पर्वत होता है। नंदीश्वर दीप एवं पंचमेरू में कुल 132 जिनबिम्ब विराजमान होते हैं ।
18 वर्ष पश्चात प्रथमबार होगा महामस्तकाभिषेक
वरिष्ठ समाजसेवी अनूप जैन भंडारी द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार उत्तर भारत के प्रथम दिगम्बराचार्य शांतिसागर जी महाराज छाणी परंपरा के चतुर्थ पट्टाचार्य मासोपवासी, समाधि सम्राट सुमतिसागर जी महाराज की आज्ञानुवर्ती शिष्या, प्रथम गणिनी आर्यिका राजमती माताजी की भावना को साकार रूप देते हुए उनकी संघस्थ ब्रह्मचारिणी चंद्रकला वाई अजमेर एवं ब्रह्मचारिणी रामकली वाई मुरार के द्वारा समाजजन के सहयोग से मुरैना नसियां जी जैन मंदिर में श्री नंदीश्वर द्वीप पंच मेरु जिनालय की स्थापना कराई गई थी । पूज्य गुरुदेव सराकोद्धारक षष्ठ पट्टाचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज के पावन सान्निध्य में 27 जनवरी से 03 फरवरी 2006 तक नंदीश्वर जिनालय का ऐतिहासिक भव्य श्री मज्जिनेंद्र जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न हुआ था । जिसमें आचार्य ज्ञानसागर के सान्निध्य में 03 फरवरी 2006 को 132 जिनबिम्बों को सिर पर रखकर ऐतिहासिक नगर गजरथ निकला गया था । 18 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद पूज्य गुरुदेव अभीक्षण ज्ञानोपयोगी आचार्य श्री वसुनंदी जी महाराज के पावन सान्निध्य में प्रथमवार श्री नंदीश्वर द्वीप पंचमेरू जिनालय में विराजमान 132 जिनबिम्बों का महामस्तकाभिषेक कराया जाएगा ।

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