,जैन युवा सेमिनार में जीवन जीने की कला बताई
24 अगस्त रविवार 2025
शांति वीर धर्म स्थल पर प्रथम दिन 100 से ज्यादा युवाओं सेमिनार में भाग लिया
दोपहर को 12:30 पर सेमिनार में मंगलाचरण की प्रस्तुति पलक जैन द्वारा मंच का संचालन श्रीमती सुधा जैन चौधरी विदिशा ने किया
बाल ब्रह्मचारी पीयूष भैया ने सेमिनार में बताया
अपने जीवन का एक लक्ष्य निर्धारित होना चाहिए बिना लक्ष्य के किसी भी मंजिल पर नहीं पहुंचा जा सकता
घर पर आपके पापा अगर गुटका जर्दा खाते हैं तो उनसे पूछे कि जर्दा अच्छी वस्तु है हम भी खाएंगे वह कहेंगे बुरी वस्तु है तो इसका आप त्याग करें
सेमिनार में कहीं बच्चे बालिकाओं से पूछा गया कि आप क्या बनना चाहते हैं कहीं ने बताया हम कलेक्टर बन के सेवा करना चाहते हैं बालको ने में डॉक्टर बनना चाहते हैं कहीं ने बताया हम समाज सेवी बनना चाहते हैं उन्होंने अपने विचार से अवगत किया
प्रज्ञानसागर महाराज ने बताया
सेमिनार के प्रथम रोज
तुम्हें अपने बुराइयों को बाहर निकालो अच्छाइयों को ग्रहण करो
अपने विवेक को जिंदा रखने के लिए अच्छे से अच्छे कार्य करो
पढ़ने वाले छात्रों को मोबाइल कम से कम उपयोग करना चाहिए
इसे अपना कीमती समय बर्बाद हो रहा है उस समय को पढ़ाई में लगाओगे तो बहुत उपयोगिता प्राप्त होगी
जिस विद्यार्थी ने जीवन को नहीं समझा वह जीवन पशु के समान है
पैसा कमाना जीवन का लक्ष्य नहीं है दिल वह दिमाग के लक्ष्य से काम करना जीवन का सही लक्ष्य है
अपने जीवन में संस्कारों का बहुत बड़ा महत्व उन्होंने बताया
अच्छे संस्कार वाले व्यक्ति जिवन में पूज्य होते हैं
वस्तु पुण्य से प्राप्त होती है
प्रसिद्ध सागर महाराज ने बताया कि हमें जो भी आज वस्तु मिली और पुण्य से मिला लक्ष्य पर पहुंचने के लिए समय की पालन करना बहुत जरूरी है
अपना जीवन जीने के लिए समय का एक टाइम टेबल बनाओ
पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं आज हत्या करने का कारण एक प्रेम संबंध बताया
मुनि ने बताया कि प्रेम माता-पिता भाई-बहन से करना चाहिए
ऐसे प्रेम प्यार से अपनापन झलकता है अजनबी से प्रेम प्रसंग करना ही
जीवन का पतन का कारण है ज्यादा से ज्यादा समय अपने पढ़ाई पर ध्यान दें संस्कारों पर ध्यान दें गुरुओं की बातों पर ध्यान दें माता-पिता की बातों पर ध्यान दें वही जीवन में लक्ष्य को प्राप्त कर सकता है
मंच संचालन श्रीमती सुधा जैन ने बताया प्रत्येक युवाओं को अर्जुन की तरह अपना एक लक्ष्य बाण बनाना चाहिए प्रत्येक युवाओं को अपने मंजिल पाने के लिए बहुत कुछ परिश्रम करके आगे बढ़ना पड़ता है
बिना मेहनत के कोई सफलता प्राप्त नहीं होती माता-पिता की आज्ञा का पालन करना सबसे बड़ा संस्कार बताया
सेमिनार में सभी शिक्षार्थियों को संपूर्ण व्यवस्था जैन समाज द्वारा की गई
महावीर कुमार सरावगी जैन गजट पेपर संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान