जैन तीर्थंकरों की जन्मभूमियों की सामूहिक यात्रा पर रवाना हुआ जैन व गुर्जर समाज
लोनारा (खरगोन)। निप्र जैन तीर्थयात्रा संघ, लोनारा द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित की जाने वाली सामूहिक तीर्थयात्रा के अंतर्गत इस वर्ष जैन धर्म के तीर्थंकरों की जन्मभूमियों की विशेष यात्रा का आयोजन किया गया है। यह यात्रा 24 दिसंबर से 3 जनवरी तक चलेगी, जिसमें जैन व गुर्जर समाज के कुल 65 यात्री भाग ले रहे हैं।
यात्रा संयोजक आशीष जैन एवं सोहिल जैन ने बताया कि इस ऐतिहासिक यात्रा में खरगोन, लोनारा, खंडवा, महेश्वर, मंडलेश्वर, पंधाना, भीकनगांव, इंदौर, मलकापुर, पुणे, भोपाल सहित विभिन्न क्षेत्रों के श्रद्धालु शामिल हैं। बुधवार को लोनारा में यात्रियों का हार-माला पहनाकर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया।
इस यात्रा की एक विशेष बात यह है कि जन्म से जैन न होने के बावजूद लोनारा के गुर्जर समाज के 13 यात्री, जो पूर्णतः जैन धर्म के सिद्धांतों का पालन करते हैं, भी इस तीर्थयात्रा में सम्मिलित हो रहे हैं। यह सामाजिक समरसता और धार्मिक सौहार्द का प्रेरणादायी उदाहरण है।
यात्रा के दौरान श्रद्धालु अयोध्या सहित जैन धर्म के प्रमुख तीर्थस्थलों की वंदना करेंगे। अयोध्या भगवान रामचंद्र जी की जन्मभूमि होने के साथ-साथ जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान आदिनाथ, द्वितीय तीर्थंकर अजितनाथ, चतुर्थ तीर्थंकर अभिनंदननाथ, पंचम तीर्थंकर सुमतिनाथ एवं चौदहवें तीर्थंकर अनंतनाथ भगवान की भी जन्मभूमि है। जैन धर्म में सम्मेद शिखरजी एवं अयोध्या को शाश्वत तीर्थ माना गया है, जिनकी वंदना का विशेष महत्व है।
यात्रा में शामिल बद्री मुकाती, रमेश पटेल सहित अन्य यात्रियों ने बताया कि वे सम्मेद शिखरजी की यात्रा पूर्व में पांच बार कर चुके हैं तथा अन्य तीर्थों की वंदना भी कर चुके हैं, लेकिन सभी तीर्थंकरों की जन्मभूमियों की सामूहिक यात्रा का यह उनका पहला अवसर है। इस यात्रा में कुल 25 जैन तीर्थ क्षेत्रों की वंदना की जाएगी, जिसे लेकर यात्रियों में विशेष उत्साह एवं श्रद्धा का भाव देखने को मिल रहा है। अनेक जैन पत्रों के संपादक लेखक कुशल वक्ता राजेन्द्र जैन महावीर सनावद ने कहा कि लोनारा ग्राम सर्व धर्म सद्भावना का प्रतीक हैं जहां गुर्जर समाज व जैन समाज मिलकर श्रमण संस्कृति व वैदिक संस्कृति के सार्वभौमिक सिद्धांतो का पालन करते हुए संपूर्ण देश को सामाजिक शुचिता का संदेश प्रदान कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि गुर्जर समाज प्रतिदिन स्वाध्याय सभा में,सभी जुलूसों में भी सम्मिलित होता हैं साथ ही अनेक जैन संतो के पद विहार में , उनकी समस्त व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान करता है। जैन जगत के सभी आयोजनों में उनकी सेवापूर्ण सहभागिता होती हैं।
प्रेषक
अनुपमा राजेन्द्र जैन महावीर,सनावद
चित्र
तीर्थ यात्रा के लिए उत्साहित तीर्थ यात्री














