सम्पूर्ण भारत से हजारों साधर्मी बंधु होगें सम्मिलित
मुरैना/सिहोंनियाजी (मनोज जैन नायक) जैन धर्मावलंबियों का तीर्थ स्थल श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र सिहोनियांजी में वार्षिक मेला एवं भगवान शांतिनाथ का महामस्तकाभिषेक महोत्सव 09 सितम्बर को विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजनों के साथ हर्षोल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है ।
जिला मुख्यालय मुरैना से लगभग 33 किलोमीटर की दूरी पर ऐतिहासिक एवं अलौकिक जैन तीर्थ अतिशय क्षेत्र सिहोनियांजी जिला मुरैना मध्य प्रदेश में स्थित है । सिहोनियाजी की पावन धरा पर भूगर्भ से निकली अति प्राचीन अतिशयकारी जैन प्रतिमाएं विराजमान हैं । प्राप्त शिलालेखों, साहित्यकारों एवं पुरातत्वविदों के अनुसार उक्त प्रतिमाएं ग्यारहवीं शताब्दी की बताई जाती हैं। मुख्य मंदिर जी के विशाल एवं भव्य हॉल में 16 फुट उत्तुंग तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ स्वामी एवं उनके आजू बाजू में 11 – 11 फुट की उत्तुंग भगवान कुंथनाथ स्वामी एवं भगवान अरहनाथ स्वामी की प्रतिमाएं विराजमान हैं। श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र सिहोनिया एकमात्र ऐसा जैन तीर्थ है जहां पर भूगर्भ से निकली प्रतिमाएं उसी स्थान पर विराजमान हैं, जहां से वे प्रगट हुई थीं । मुख्य मंदिर के परकोटे में ही श्री समोशरण जिनालय, श्री पार्श्वनाथ जिनालय, श्री पद्मप्रभु जिनालय, श्री नेमीनाथ जिनालयों में अनेकों अतिप्राचीन प्रतिमाएं विराजमान हैं। मुख्य मंदिर जी के परकोटे से बाहर अभी हाल ही में विशाल एवं भव्य श्री कमल मंदिर, श्री नेमीनाथ जिनालय के साथ ही तीर्थंकर भगवान शांतिनाथ स्वामी की 31 फुट उत्तुंग मनोहारी प्रतिमा स्थापित की गई हैं। श्री समोशरण जिनालय एवं कमल मंदिर में श्री चौबीसी का निर्माण भी कराया गया है । एक विशाल परकोटे में अतिभव्य 5 मानस्तंभों का समूह बरबस ही सबका मन मोह लेता है ।
वार्षिक मेला एवं महामस्तकाभिषेक
विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी क्वार वदी दोज मंगलवार 09 सितम्बर को वार्षिक मेला एवं मूलनायक भगवान शांतिनाथ, कुंथनाथ, अरहनाथ स्वामी का महामस्तकाभिषेक का आयोजन किया जा रहा है । जिसमें संपूर्ण भारतवर्ष के जैन धर्मावलंबी हजारों की संख्या में सम्मिलित होगें । इस अवसर पर प्रातःकालीन बेला में प्रातः 07.00 बजे से जलाभिषेक, शांतिधारा, नित्यनियम पूजन किया जाएगा । प्रातः 10.00 बजे से श्री शांतिनाथ महामंडल विधान होगा । दोपहर 02.00 बजे से मूलनायक प्रतिमाओं का महामस्तकाभिषेक किया जाएगा । विधान, महामस्तकाभिषेक एवं अन्य सभी आयोजनों को प्रतिष्ठाचार्य पं. राजेन्द्र जैन शास्त्री मगरौनी एवं संजय शास्त्री सिहोनियाँ मंत्रोचारण के साथ विधि विधान पूर्वक संपन्न कराएगें ! कार्यक्रम पश्चात आगंतुक सभी साधर्मी बंधुओं के लिए आयोजकों की ओर से वात्सल्य भोज की व्यवस्था रखी गई है।
अतिशय क्षेत्र सिहोंनियाजी एक नजर में
स्थानीय ब्रहमचारी श्री गुमानीलाल जैन भैयाजी को सन 1937 में आये स्वप्न के आधार पर अम्बाह-मुरैना एवं आस-पास के समाजजनों ने उक्त टीले कि खुदाई करवाने पर ग्यारहवीं शताब्दी की श्री शान्तिनाथ जी, 16 फीट एवं कुन्थुनाथ जी, अरहनाथ जी की 11 फीट की अत्यन्त मनोहारी पाषाण की प्रतिमा भू-गर्भ से प्राप्त हुई जो आज भी उसी स्थान पर विराजमान है। इसके अतिरिक्त यहाँ अनेक खण्डित प्रतिमाए भी प्राप्त हुई जो संग्रहालय बनाकर स्थापित कर दी गई हैं ।
क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएं
यात्रियों के लिए क्षेत्र पर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं । आवास हेतु एसी एवं डिलक्स कमरे एवं अन्य कार्यक्रमों हेतु हॉल आदि की व्यवस्था उपलब्ध है । क्षेत्र पर साधर्मी बंधुओं के लिए भोजनालय एवं केन्टिन आदि की समुचित व्यवस्था है।
क्षेत्र पर आगमन हेतु पहुंच मार्ग
यह क्षेत्र ग्वालियर-भिंड राजमार्ग पर मालनपुर वाराहेट होते हुऐ ग्वालियर से 55 कि.मी. है एवं मुरैना (ग्वालियर – आगरा मार्ग) से 33 किलोमीटर है। मुरैना रेलवे स्टेशन के नजदीक से प्रतिदिन सिहोनियों जी के लिए बसें, टैक्सी आदि उपलब्ध रहती है।
श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र कमेटी ने समस्त साधर्मी बंधुओं से अधिकाधिक संख्या में कार्यक्रम में सम्मिलित होने की अपील की है ।