जैन शिक्षक सामाजिक समूह ललितपुर के तत्वावधान में अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्र के मुख्य गेट के बाहर आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के समाधिमरण पर विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया।

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● जैन शिक्षक सामाजिक समूह ने आयोजित की विनयांजलि सभा-
● भारतीय संस्कृति के संवाहक थे आचार्य प्रवर विद्यासागर महाराज
● वक्ताओं ने आचार्य श्रेष्ठ को सदी का महानतम संत बताया
● आचार्य श्री के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर हुईं 56 से अधिक पीएचडी,108 दीप प्रज्वलित कर दी विनयांजलि
(ललितपुर) जैन शिक्षक सामाजिक समूह ललितपुर के तत्वावधान में अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्र के मुख्य गेट के बाहर आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के समाधिमरण पर विनयांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस दौरान दिगम्बर जैन पंचायत समिति के महामंत्री आकाश जैन ने अपनी विनयांजलि में कहा कि आचार्यश्री जैन समाज ही नहीं जन-जन के संत थे। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष विनोद निरंजन ने कहा कि आचार्यश्री सचमुच में राष्ट्र संत थे। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के कोषाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी ने आचार्यश्री के योगदान को अविस्मरणीय बताया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ब्लॉक इकाई बार के अध्यक्ष ब्रजेश चौरसिया ने कहा कि वर्ष 2018 में आचार्यश्री के ललितपुर में दर्शन किए उनकी मनमोहक छवि को देखकर ऐसे लगा कि मैंने साक्षात ईश्वर के दर्शन कर लिए हों। जैन शिक्षक सामाजिक समूह के अध्यक्ष जितेंद्र जैन ने कहा कि आचार्यश्री के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके बताये हुए मार्ग पर चलें तभी हमारी आचार्य श्री के लिए सच्ची विनयांजलि होगी। संरक्षक सत्येंद्र जैन गदयाना ने कहा कि हमारा सौभाग्य है कि इस युग में आचार्यश्री का जन्म हुआ। जैन पंचायत के शिक्षामंत्री प्रफुल्ल जैन ने कहा कि गुरुवर चलते-फिरते तीर्थ थे। उन्होंने 507 दीक्षाएं प्रदान कीं।वर्णी कालेज के प्रवक्ता डां० विवेक जैन ने कहा कि आचार्यश्री त्याग,तपस्या,साधना की प्रतिमूर्ति थे। सचिन शास्त्री ने कहा कि आचार्य श्री के दिखाए गए रास्ते पर चलने का संकल्प लें।
प्रवक्ता राहुल जैन ने कहा कि आचार्यश्री ने अपने संपूर्ण जीवन से यह सिखाया कि जीवन को  कैसे जीना चाहिए। डॉ० राजेश शास्त्री ने कहा कि संत शिरोमणि आचार्य भगवन विद्यासागर महाराज व्यापक दृष्टि के चिन्तक थे। शीलचंद्र जैन शास्त्री ने कविता के द्वारा विनयांजलि व्यक्त की।मृत्युमहोत्सव है गुरुवर का,नहीं शोक के पल ।बने हैं लौकान्तिक देव ,स्वर्ग में होती है हलचल।
विनीत जैन शास्त्री ने कहा कि आचार्य श्री चलते-फिरते विश्वविद्यालय थे। मंत्री डॉ०सुनील  संचय ने कहा कि बेमिशाल,अद्भुत विराट व्यक्तित्व एवं कृतित्व के धनी थे आचार्यश्री। उनके जीवन पर 56 से अधिक पीएचडी हुई हैं। राजीव जैन बजाज ने कहा कि गुरुवर भारतीय संस्कृति के संवाहक थे। रागिनी जैन ने कहा कि आचार्यश्री ने इंडिया नहीं भारत बोलने का आह्वान किया था। इंद्रा जैन ने कहा कि स्वदेशी की भावना आचार्यश्री ने जाग्रत की थी।
विनयांजलि सभा का संचालन डॉ० सुनील संचय ने किया तथा आभार अध्यक्ष जितेन्द्र जैन राजू ने व्यक्त किया।विनयांजलि सभा का शुभारंभ दिगम्बर जैन पंचायत समिति के महामंत्री आकाश जैन,मंत्री कैप्टन राजकुमार जैन,संयोजक सनत जैन खजुरिया व उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ललितपुर के जिलाध्यक्ष विनोद निरंजन, कोषाध्यक्ष अनिल त्रिपाठी,ब्लॉक बार अध्यक्ष ब्रजेश चौरसिया,संतोष वर्मा,हरिश्चंद्र नामदेव,जैन शिक्षक सामाजिक समूह के अध्यक्ष जितेंद्र जैन,
संरक्षक देवेंद्र जैन,अजय जैन पत्रकार,संयोजक अंतिम जैन ने संयुक्त रूप से आचार्य श्री विद्यासागर महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। तत्पश्चात जैन शिक्षक सामाजिक समूह के सदस्यों ने 108 दीप जलाकर व नौ बार णमोकार महामंत्र का जाप करके आचार्यश्री को विनयांजलि अर्पित की।इस मौके पर जैन पंचायत के अध्यक्ष डॉ० अक्षय टडैया,अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्र प्रबंधक मोदी पंकज जैन, देवेंद्र जैन,डां०विवेक जैन,सत्येंद्र जैन गदयाना,शीलचंद्र शास्त्री,अमित जैन,अंतिम जैन,राहुल जैन,पुष्पेंद्र जैन,राजीव बजाज,
अंकित मोदी,अमित सिंघई,प्रदुम्न जैन,दीपक सिंघई,राजीव जैन मडावरा,अमित जैन,दीपक जैन डोंगरा,प्रफुल्ल जैन,सुरेंद्र जैन,राहुल जैन,अपूर्व जैन,नितिन जैन,विनीत जैन,रीतेश जैन,अमन जैन,संजय जैन,सौरभ जैन,प्रतीक जैन चिगलौआ,ब्रह्मचारिणी सुरभि दीदी,नीलू दीदी,सविता दीदी,रागनी जैन,इंद्रा जैन,सीमा जैन गदयाना, प्रतिभा जैन,सीमा जैन,पूजा जैन
,नेहा जैन,श्रुति नायक,रिया जैन,निशिता जैन,सौम्या जैन,नैनसी लोहिया, ममता जैन,रीता जैन,पूजा जैन,नेहा जैन,गरिमा जैन,स्नेहिल जैन,प्रतीक्षा लोहिया,अलका चौधरी,प्रियंका मनया,मोनिका जैन के अलावा आचार्य श्री विद्यासागर पाठशाला के बच्चे आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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