जैन संत हो तो आचार्य 108 सुनील सागर जैसे हो दो जैन गुटों को मतभेद भुलाकर एक किया

0
81

द्वारा महावीर कुमार सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा
13 मई सोमवार 2024
आचार्य समाधि सम्राट परम तपस्वी 108 सन्मति सागर मुनिराज के पटाधीश 108 आचार्य सुनील सागर महाराज ने अजमेर शहर में पदार्पण कर
दो धड़ों में बटा हुआ जैन समाज को एक किया जैन संत सदैव जोड़ने का काम करते हैं वही सच्चे जैन संत कहलाते हैं
अजमेर शहर में 12 वर्षों से संतो के अलग-अलग दो गुटों द्वारावर्षा योग कराए जाते थे 1दिगंबर जैन मुनि सेवा समिति2 दिगंबर मुनि सेवा जागृति मंच का मामला आचार्य *108सुनील सागर महाराज को शनिवार को जानकारी मिलने पर दोनों गुटों के मुख्य संदीप बोहरा सुशील बाकलीवाल को एक कमरे में बुलाकर बिठाकर दोनों को विवेक पूर्वक समझा कर समाधान किया
दोनों अध्यक्षों ने महाराज की बात को मानकर अपनी सहमति प्रकट की
अब दोनों गुट एक होकर एक साथ वर्षा योग कराने का फैसला लिया महाराज के आदेश के आगे सब नतमस्तक होकर मुनिराज का फैसला स्वीकार किया दिगंबर जैन मुनि संघ जागृति का गठन 2012 में हुआ था आज 12 वर्षों बाद दोनों जैन गुटों को मुनि राज ने एक किया

संतों का काम पथवाद संतवाद के नाम पर लड़ने वाले को समाज को एक किया करते हैं
अजमेर के ढाई दिन के झोंपड़े में भी मुनि ने प्रवेश किया ढाई दिन के झोंपड़े के अंदर धर्म के कहीं जगह भगवान के अवशेष में मूर्तियां पर चिन्ह अंकित हुए देखें इस बारे में भी जैन समाज से मुनि ने चर्चा की आज
संपूर्ण जैन समाज अजमेर में इस बात की खुशी की लहर दौड़ी की 12 वर्षों से संतो के अलग-अलग वर्षा योग कराए जाते थे जिन्हें महाराज के समझाने पर दोनों गुट आज एक हुए

महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here