झुमरीतिलैया-जैन धर्म के सबसे बड़े तपस्वी जिनकी चर्या तप और त्याग झलकता है ऐसे आचार्य श्री 108 विपुल सागर जी महामुनिराज के परम प्रभावक शिष्य आचार्य श्री 108
भद्रबाहु सागर जी महामुनिराज ओर पूज्य मुनि श्री 108 भाव सागर जी महाराज का
का भव्य मंगल प्रवेश आज दिनांक 25.5 को प्रातः8 बजे हुवा। झुमरी तिलैया कोडरमा धर्म नगरी में हुआ
ज्ञात हो जैन मुनि इस भीषण गर्मी में जहां लोग धूप में निकलने को सोचते हैं वैसे समय में जैन मुनि खाली पैर पद गया नगरी से पद विहार करते हुवे गुनावा ,नवादा होते हुए लगभग 200 किलोमीटर की पद यात्रा करते हुवे यहां पहुँचे। जहाँ शहर के मुख्य द्वार पर शहर के समाज के सभी पदाधिकारी गण महीला समाज के पदाधिकारी गण गाजे-बाजे के साथ आगवानी की नगर भ्रमण करते हुए बड़ा जैन मंदिर जी पहुंचे जहां पर देवाधिदेव 1008 आदिनाथ भगवान की प्रतिमा पर मुनि श्री के मुखारबिंद से विश्व शांतिधारा कराया गया । इसके बाद मंगलाचरण जैन सुबोध गंगवाल,जैन आशा गंगवाल ने किया ओर दिप प्रज्वलन गया जी समाज के पदाधिकारि गण ने किया ओर मुनि संघ को स्थानीय नगरी में प्रवास के लिए श्री फल चढ़ाया ।इसके बाद मुनि श्री ने अपने प्रवचन में कहा कि यह गर्मी तपन तप रही है गर्मी की तपिश से ज्यादा जो शरीर में अंदर की तपन ओर त्याग को जीत लेता है वह अपने जीवन को जीत लेता है आगे कहा कि यह कोडरमा एक धर्म नगरी है जहां बहता योगी रमता पानी कहावत के अनुसार गुरुवर जैन संत का सम्मेदशिखर जी जाने के क्रम में यहां पर आगमन हो जाता है यह कोडरमा वाले का बहुत सौभाग्य है आगे समाज के पदाधिकारी गण ने गया जी समाज के सभी पदाधिकारि गण जो साथ चल रहे हैं उन सभी का स्वागत तिलक, माला दुप्पट्टा पहनाकर किया । कल आचार्य संघ के सानिध्य में 1008 श्री शांतिनाथ भगवान का निर्वाण कल्याणक महोत्सव के रूप में मनाया जाएगा।कोडरमा मीडिया प्रभार राज कुमार अजमेरा,नविन जैन ने दी
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