जैन धर्म के अनुसार भाद्र मास में दशलक्षण पर्व को अति पवित्र माना जाता है इस दौरान जैन धर्मावलंबियों द्वारा विशेष पूजा आराधना, व्रत,उपवास, संयम साधना व धार्मिक आयोजन किये जाते हैं। तब मूक पशुओं का वध कर उनके मांस का विक्रय करने से जैन समाज की निर्मल भावनाएं आहत रहती हैं।
जैन समाज की संस्था धर्म जागृति संस्थान के राष्ट्रीय प्रचार मंत्री संजय जैन बड़जात्या कामां के अनुसार संस्थान के प्रांतीय अध्यक्ष पदम जैन बिलाला व कार्याध्यक्ष अनिल जैन आई पी एस ने माननीय मुख्यमंत्री एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा राजस्थान सरकार को पत्र भेजकर पर्युषण संवत्सरी 28 अगस्त व अनन्त चतुर्दशी 6 सितम्बर दोनो दिवसों को सभी मांस विक्रय केंद्र,पशु वध प्रतिष्ठान,बूचड़खाने, अंडा मछली विक्रय केंद्र को बंद रखने की मांग की है। इधर जैन समाज के वयोवृद्ध नेता रविन्द्र जैन पूर्व प्रधान पंचायत समिति कामां ने भी नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा को मुख्यमंत्री ने नाम ज्ञापन सौपां जिस पर उन्होंने अतिशीघ्र आदेश प्रसारित करने का आश्वासन दिया है।