जैन समाज को समर्पित तीन प्रतिभाओ का भावभीना अभिनंदन कर दुपट्टा ओर पगड़ी पहनाई

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टोंक (राजस्थान)
श्री चंद्र प्रभु दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र प्यावड़ी गांव पीपलू से पांच किलोमीटर ओर टोंक जिले से पेतीस किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह बहुत प्राचीन मंदिर है मूल नायक 1008 चन्द्र प्रभु भगवान की प्रतिमा है जिनके दर्शन मात्र से अंतर्मन में दिव्य शांति का अनुभव होता है। इस मन्दिर की विशेषता यह है कि यहां अमावस्या ओर पूनम को कई बार चांदी की सिक्के वेदी पर गिरते है कई बार चंदन भी आ जाता है। विगत 35 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले आदिनाथ टी वी चेनल के ब्यूरो चीफ पारस जैन “पार्श्वमणि” पत्रकार कोटा, रंगशाला की डायरेक्टर साधना मादावत और डॉक्टर प्रगति जैन इंदौर जैन समाज को समर्पित तीन प्रतिभाओ का मंदिर समिति के श्रेयांश जैन अतुल जैन हिमांशु जैन अरुण जैन पियूष जैन पदाधिकारियों ने भाव भीना अभिनंदन कर दुपट्टा ओर पगड़ी पहनाई और अतिशय युक्त मनिहारी मूलनायक चंद्रप्रभु भगवान की तस्वीर भेट कर सम्मान किया। मंदिर समिति के श्रेयांश जैन ने पारस जैन पार्श्वमणि कोटा को जानकारी देते हुवे बताया कि इस मंदिर का अतिशीघ जीर्णोद्धार परम पूज्य आचार्य 108 इंद्र नंदी जी महाराज ससंघ के पावन सानिध्य में करवाने की भव्य योजना प्रस्तावित है। समस्त भारत के श्रद्धालु एक बार जरूर मनोहारी अदभुत चन्द्रप्रभु भगवान के दर्शन करने जरूर अवश्य आए । यहां पर अखंड ज्योत भी मानभद्र जी के सामने जलती रहती है । विदित हो करोना काल में “पार्श्वमणि” जी की कलम से इस मंदिर के चमत्कार का पूरे भारत में खूब सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार हुआ था। जीवन में पहली बार ही तीनों प्रतिभाओ ने यहां पहुंच कर दर्शन लाभ लिया।
प्रस्तुति
विमल कमलेश जैन कोटा (दरावाले)

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