जैन समाज के त्याग, तपस्या और संयम का प्रतीक है दशलक्षण महापर्व

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जैन समाज के त्याग, तपस्या और संयम का प्रतीक है दशलक्षण महापर्व
यह पर्व आत्मशुद्धि, आत्मसंयम और आत्मजागृति का महापर्व है।

स्वराज जैन, नई दिल्ली

प्राचीन श्री अग्रवाल दिगंबर जैन पंचायत द्वारा लाल किला मैदान के भव्य पंडाल में अहं योग प्रणेता मुनि श्री प्रणम्य सागरजी महाराज के सान्निध्य में दस लक्षण महापर्व आयोजित हो रहा है। पर्व के चौथे दिन रविवार को मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने श्रीफल अर्पित कर मुनि श्री को भावभीनी विनयांजलि अर्पित की।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि दिल्ली को महान तपस्वी दिगंबर संतों का सान्निध्य मिल रहा है। यह दसलक्षण महापर्व त्याग, तपस्या और संयम का विलक्षण पर्व है। यह खाने-पीने का नही बल्कि आत्मसाधना का महान पर्व है। इससे हमें अदभुत प्रेरणा मिलती है। मुनि श्री ने अपने आशीर्वचन में उत्तम शौच धर्म की व्याख्या करते हुए कहा कि लालच को त्यागकर संतोष में जीने का नाम ही शौच धर्म की आराधना है। कविता जैन और सुशीला पाटनी ने मुकुट पहनाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। मुनि श्री ने मुख्यमंत्री को अपनी पुस्तकें भेंट की तो जैन समाज दिल्ली के अध्यक्ष चक्रेश जैन व अशोक पाटनी ने उन्हे’ भरत का भारत ‘ऐतिहासिक चित्र भेंट किया।

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