अजमेर 24सितम्बर 2023 दश लक्षण पावन पर्व पर्यूषण की दस दिवसीय श्रृंखला के तहत आज छठवें दिवस उत्तम संयम धर्म के दिन आज पूरे अजमेर में जैन समाज द्वारा सभी जिन मन्दिरजी, चैत्यालयों, ज्ञानोदय तीर्थक्षेत्र, नसियांजी, जिनशासन क्षेत्र, कालोनियों के मन्दिरजी, सरावगी मोहल्ला के मन्दिरजी आदि में धूप बर्तन में श्रीजी व जिनवाणी के सम्मुख रखकर अष्ट कर्मो को नाश करने के लिये धूप खेयी गयी ।
अध्यक्ष अतुल पाटनी व महामंत्री कमल गंगवाल ने बताया कि – आज दशलक्षण धर्म के भाद्रपद शुक्ल दशमी को धूपदशमी पर्व मनाया गया जिसके अन्तर्गत सारे जैन मन्दिरो में प्रवचन हुयें तथा सुंगध दशमी व्रत कथा पढने के साथ साथ सभी जैन जिनालयों के शास्त्रों तथा जिनवाणी के सम्मुख चंदन की धूप अग्नि पर खेयी यानि धूप खेवन पर्व मनाया गया । यह पर्व पर्यूषण पर्व के छठवें दिन दशमी को मनाया जाता है जैन धर्मावलम्बी अपने आस पास के जिनालयो में परिवार सहित जाकर श्रीजी के चरणो में धूप अर्पित करते है और प्रार्थना करते है कि मैं तीर्थंकरों के बताये मार्ग पर चलने की कोशिश करूंगा । जिससे वायुमंडल सुगन्धित व स्वच्छ होता है । प्रवक्ता संजय कुमार जैन ने बताया कि जैन धर्मावलम्बी इस पर्व को बडे उत्साह से जगह जगह कालोनियो के जिन मन्दिरजी, नसियांजी, ज्ञानोदय तीर्थ क्षेत्र नारेली, जिनशासन क्षेत्र आदि जगह जाकर धूप खेते है और आपस में मिलते भी है ।
पांचो इन्द्रियों को जीतना ही उत्तम संयम धर्म कहलाता है ।
गंगवाल व जैन ने बताया कि उत्तम संयम धर्म के अवसर पर सभी जिन मन्दिरजी में दसलक्षण मंडल विधान पूजन, नित्य नियम पूजन अभिषेक, वृहदशान्तिधारा सम्पन्न हुई तथा उसके पश्चात उत्तम संयम धर्म का अर्थ बतलाया कि -उपयोग को पर पदार्थो से समेटकर आत्म सम्मुख करना, आत्मा में एकाग्र होना ही उत्तम संयम कहलाता है । प्रत्येक प्राणी को संयम में रहना चाहिये । यह बात कहने में जितनी सरल है अपनाने में उतनी ही कठिन है । विवेक पूर्व कार्य करते हुए हिंसा आदि न होने देना भी संयम कहलाता है । पर पदार्थ यानि मिथ्यात्व भाव, रागादि भाव,कषाय भाव,हिंसा भाव आदि का त्याग करना एवं पांचो इन्द्रियों को जीतना उत्तम संयम धर्म कहलाता है । संजय कुमार जैन
प्रवक्ता
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