इच्छाओं का विरोध करना ही तप : ब्र.रितु दीदी
गुवाहाटी : भगवान महावीर धर्मस्थल मे ब्र.रितु दीदी एवं पिंकी दीदी के पावन सानिध्य में दसलक्षण महापर्व के सातवें दिन उत्तम तप धर्म भक्ति एवं हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर रितु दीदी ने उत्तम तप धर्म पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि सभी रागादि भावो का त्याग कर आत्मलीन होकर विकारो पर विजय प्राप्त
करना ही तप है।संयमी प्राणी ही सच्चा तपस्वी हो सकता है। आपने कहा कि इच्छाओं के विरोध होने पर ही तप होगा। इच्छाओं के रहते तप होना असंभव है। अपनी बात को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहां की इच्छाओं का विरोध कर वितराग भाव की वृद्धि करना ही तप का मूल प्रयोंजन है। जिस प्रकार प्रज्ज्वलित अग्नि तृण को जलाती है, उसी प्रकार तप रुपी अग्नि कर्म रूपी तृष्णा को जलाती है। इससे पूर्व गुरुवार को सभी जैन मंदिरों में सुगंध दशमी का आयोजन किया गया।उल्लेखनीय है कि दसलक्षण पर्व ज्यो-ज्यो समापन की ओर जा रहा है, तप करने वालों में एक ज्वार सा आ रहा है। लग भग 50 से 60 भाई-बहने दस लक्षण व्रत एवं उससे ऊपर की तपस्या कर रहे हैं। प्रचार प्रसार के मुख्य संयोजक ओमप्रकाश सेठी ने बताया कि इन सभी भाई- बहनों का सामूहिक अभिनंदन अनंत चतुर्दशी के दिन यानी 17 सितंबर को साँयः 6:00 बजे से महावीर स्थल में किया जाएगा। रामचंद्र सेठी (आरती संयोजक)ने बताया कि पर्युषण पर्व के अवसर पर राजस्थान से पथारे संगीतकार अजीत कुमार जैन के सानिध्य में श्रीजी की संध्याकॉलीन आरती भक्ति भाव पूर्वक की जा रही है। यह जानकारी सहसंयोजक सुनील कुमार सेठी द्वारा एक प्रेस विज्ञप्ति मे दी गयी ।।