जैन ग्रंथ के सबसे बड़ा भक्तामर महास्त्रोत्र से अमन चैन संभव है इसे विश्व रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।जैन समाज भारत

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कोडरमा-जैन धर्म के वर्तमान शासन नायक देवाधिदेव १००८ भगवान श्री महावीर स्वामी के निर्वाण कल्याणक महोत्सव के पूर्व सकल दिगंबर जैन समाज भारत के द्वारा आयोजित विश्व भक्तामर दिवस पर विश्व के अनेकों देशों सहित सम्पूर्ण भारत वर्ष के सभी मंदिरों में एक साथ आज श्री दिगम्बर जैन मंदिर में सकल जैन समाज झूमरी तिलैया द्वारा स्थानीय पंडित के मुखारबिंद से 9 अक्टूबर को 9 बजकर 9 मिनट 9 सेकेंड पूरे समाज के लोगो द्वारा भक्तामर स्त्रोत्र का पाठ किया गया ।
इस शुभ अवसर पर समाज के उप मंत्री जैन नरेंद्र झांझरी ने कहा कि
भक्तामर के 48 कड़ा के पाठ से ही अमन चैन संभव है ।विश्व में , णमोकार ओर भक्तामर की छाया में ही देश , राष्ट्र , विश्व का पर्यावरण परिशुद्ध होगा । भक्तामर की वर्गणाएं ब्रह्माण्ड को पवित्र करती हैं । प्रत्येक प्राणी को यह स्तोत्र पढ़ना चाहिए । इसे अपने हृदय में प्रतिष्ठापित करो । इस स्तोत्र में सर्वोच्च महाशक्तियाँ है जिनका स्मरण पाप – ताप – संताप को दूर करता हैओर सभी बीमारी डर भय को दूर करता है । ये स्तोत्र द्वादशांग का सार है ।इस महा स्तोत्र में सम्पूर्ण ग्रंथ – निर्ग्रंथ समाए हैं ।
जिसने इस स्तोत्र को पढ़ लिया , समझ लिया , उसने सम्पूर्ण ग्रंथों को , निर्ग्रथों को पढ़ लिया । इस स्तोत्र के पाठ से देश के कोने कोने में शांति की स्थापना होगी।इस कार्यक्रम को विशेष आशीर्वाद जैन संत आचार्य श्री108 प्रणाम सागर जी महामुनिराज का मिला।मुनि श्री ने औरंगाबाद (महाराष्ट्र)से आह्वान कर सभी को एक सूत्र में बांधते हुवे एक समय मे इस जाप को कराया।इस दिन को विश्व भक्तामर दिवस के रूप में जाना जाएगा और इस महास्तोत्र को विश्व रेकॉर्ड में शामिल किया गया है ।इस आयोजन को विशेष रूप से कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र जैन काला,सुबोध-आशा जैन गंगवाल ललित जैन सेठी,टुन्नू जैन छाबड़ा, संध्या में आरती ओर णमोकार चालीसा का पाठ मंदिर परिषद में हुवा।मीडिया प्रभारी जैन राज कुमार अजमेरा,ने दी

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