फागी कस्बे सहित परिक्षेत्र के जिनालयों में जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ भगवान का मनाया मोक्ष कल्याणक महोत्सव हर्षोल्ल्लास पूर्वक
जैन धर्मावलम्बी रक्षाबंधन के पर्व को साधु संतों की रक्षा के संकल्प दिवस के रूप में मनाते हैं
फागी संवाददाता
फागी कस्बे सहित परिक्षेत्र के चकवाडा, चोरू,नारेड़ा,मंडावरी, मेहंदवास, निमेडा, लसाडिया तथा लदाना सहित कस्बे के जिनालयों मे जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव हर्षोल्लास पूर्वक मनाया कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने बताया कि कस्बे के मुनि सुव्रतनाथ जिनालय में प्रातः श्री जी का अभिषेक करने के बाद समाज की ओर से सामूहिक रूप से शांतिधारा कर अष्टद्रव्यों से पूजा अर्चना कर विभिन्न तीर्थंकरों के अर्घ्य अर्पित किए कार्यक्रम में आचार्य वर्धमान सागर महाराज, आचार्य इन्द्रनंदी जी महाराज,गणिनी आर्यिका विशुद्ध मति माताजी,आर्यिका श्रुतमति माताजी, सुबोध मति माताजी, आर्यिका सुरम्य मति माताजी एवं सोलहकारण , पंच परमेष्ठी भगवान , नव देवताओं , जिनवाणी माता के अर्घ्य अर्पित करने के बाद जैन धर्म के ग्यारहवें तीर्थंकर श्रेयांसनाथ भगवान का मोक्ष कल्याणक महोत्सव का जयकारों के साथ मोक्ष का निर्वाण लाडू चढ़ाकर विश्व में सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की गई,इसी कड़ी में फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा एवं महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने संयुक्त रूप से बताया कि रक्षा बंधन पर श्रावण सुदी पूर्णिमा के दिन राजा बलि द्वारा हस्तिनापुर में 700 साधु -संतों पर अत्याचार किए गए थे , इस अत्याचार एवं उपसर्ग को जैन धर्म के प्रसिद्व संत महामुनि विष्णु कुमार ने ब्राह्मण का रूप धारण कर 700 जैन मुनियों की रक्षा की थी तथा साधु संतों को आहार करवा कर स्वयं ने आहार किया था, इसलिए इस दिन को जैन धर्मावलम्बी रक्षाबंधन के पर्व को प्रतिवर्ष साधु संतों की रक्षा के संकल्प दिवस के रूप में मनाते हैं, कार्यक्रम में मंदिर समिति के मंत्री कमलेश चौधरी ने कहा कि इस मोके महामुनि विष्णु कुमार की अष्टद्वव्यों से आज पूजा अर्चना की गई तथा जैन श्रावकों द्वारा रक्षाबंधन के पावन पर्व पर आज कस्बे के सारे सकल जैन समाज ने पार्श्वनाथ चैताल्य में विराजमान आर्यिका सुरम्यमति माताजी स संघ की पिच्छिकाओं एवं जिनवाणी माता के रक्षा सूत्र बांधकर सुरक्षा का संकल्प लिया, कार्यक्रम में चातुर्मास समिति के मितेश लदाना ने बताया कि समाज द्वारा साधु संतों को रक्षा सूत्र बांधना उनके आध्यात्मिक मार्ग की रक्षा करने और उन्हें नकारात्मक शक्तियों से बचाने का एक माध्यम है, यह एक आध्यात्मिक बंधन है जो शिष्य को गुरु के मार्ग दर्शन और आशीर्वाद के प्रति समर्पित करता है, कार्यक्रम में चातुर्मास समिति के अध्यक्ष मोहनलाल झंडा , सोहनलाल झंडा,अग्रवाल समाज के अध्यक्ष महावीर प्रसाद झंडा,कैलाशकासलीवाल फागी पंचायत समिति के पूर्व प्रधान सुकुमार झंडा,प्रेमचंद कठमाना, शिखर मोदी, गोपाल नला,महेंद्र गोधा , महावीर बजाज, सोभागमल सिंघल,रमेश बजाज , हनुमान कलवाड़ा,महावीर मोदी, राजेंद्र कुमार मोदी,पदम टीबा, अशोक नला, पवन कागला, राहुल बजाज , विकास नला, त्रिलोक पीपलू,कमलेश चोधरी, अमन नला, मितेश लदाना , उज्जवल झंडा ,गौरव नला, अरुण गंगवाल, रितेश पीपलू, मनीष गोधा तथा राजाबाबू गोधा सहित सभी श्रावक श्राविकाएं मोजूद थे।
राजाबाबू गोधा जैन महासभा मिडिया प्रवक्ता राजस्थान