भारत सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया है की जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना भी की जाएगी अर्थात जब जनगणना करने प्रगणक आपके घर आएगा तो वह पूछे जाने वाले प्रश्नों में आपकी जाति भी पूछेगा और उस जाति के कॉलम में क्या लिखवाना है यह तय करना जैन अनुयायियों को बहुत जरूरी है।
व्यापक व सही विचारधारा के अनुसार जैन धर्म एक स्वतंत्र धर्म है, न कि कोई जाति. यह जाति व्यवस्था पर आधारित नहीं है और इसमें सभी धर्मों के लोग, जाति, लिंग और सामाजिक स्थिति के बावजूद समान रूप से शामिल हो सकते हैं। जैन धर्म के अनुयायी विभिन्न जातियों से आते हैं, लेकिन जैन धर्म खुद को एक जाति के रूप में नहीं देखता है। यह बिल्कुल सत्य है और आप सब इसका ही समर्थन करेंगे यह भी तय है। किंतु वर्तमान में कुछ विद्वान,लेखक,सजग यह भी कहेंगे कि जनगणना के दौरान जाति के कालम में जैन ही लिखवाना है। जिससे सही संख्या का पता लग सके,सरकारी योजनाओं को संख्या के हिसाब से बनाया जाता है और उन सब का लाभ भी हमे तभी मिलेगा जब हमारी सही संख्या सामने आएगी और उसके लिए आवश्यक है कि जाति के कॉलम में जैन लिखवाए।
इस सब के मध्य यह मंथन होना भी जरूरी है कि *जैन धर्म है या जाति*। जैन जगत के सभी विद्वानों,सन्तों,लेखकों,पत्रका रों,सृजनकर्ताओं व जागरूक प्रहरियों को इस विषय पर विचार रख निर्णय करना ही चाहिए।
आप सब के विचार आने जरूरी हैं किंतु यहां मैं अपने निजी विचार रखना चाहता हूं ।जो कि मैं काफी समय से रख रहा हूं और कई संतों के समक्ष मैंने चर्चा भी की है कि वर्तमान परिस्थितियां इस बात की और इंगित करती हैं कि जैन धर्म को अब जाति के साथ-साथ जोड़ देना चाहिए क्योंकि पूर्व समय में जैन धर्म कोई भी अपना सकता था जिसके मार्ग आज भी खुले हुए हैं। किंतु वर्तमान समय में यह देखा जा रहा है कि जो जैन परिवार है उसमें जन्म होने वाले को जैन माना जाता है चाहे हमारे कर्म व विचार कुछ भी हो।
वर्तमान समय में संख्या बल दिखाना बड़ी महत्वपूर्ण आवश्यकता है और यह तभी संभव है जब हम अपनी धर्म के अनुसार जाति भी जैन कर ले, यह विचारधारा संकीर्ण हो सकती है लेकिन गाहे बगाहे आप भी जनगणना के समय इसका समर्थन करते हुए नजर आएंगे। इसलिए जितना जल्दी हो सके इस विषय पर विचार और मंथन आवश्यक है। जातिगत जनगणना होनी है और सही संख्या का पता चलना भी जरूरी है।
जैन हैं तो जैन लिखाए
अपनी पहचान न छुपाए
एक साथ दो बातें नही चल सकती यह मुझे पता है अतः आप से निवेदन है कि परिस्थिति जन्य हम सबको जातिगत जनगणना में जाति के कॉलम में जैन ही लिखवाना है। क्षमा के साथ जय जिनेंद्र।
*संजय जैन बड़जात्या, कामां*
संवाददाता, जैन गजट