जैन धर्म की तप साधना देखने के लिए नैनवा पधारे

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जैन गजट संवाददाता महावीर सरावगी
परम पूज्य, तपस्वी मुनि 108 श्री संविज्ञ सागर जी महा मुनिराज का पावन वर्षायोग धर्म परायण नगरी नैनवा जिला बूंदी राज. में बढ़े ही भक्ति भाव और आनंद के साथ चल रहा है
मुनि श्री का आज तेरहवां निर्जला उपवास है
हम सभी श्री जिनेंद्र प्रभु से प्रार्थना करे कि मुनि श्री के उपवास निर्विघ्न सम्पन्न हो साथ ही मुनि श्री का रत्नत्रय कुशल बना रहे।
सभी श्रावकों से निवेदन है कि ऐसे तपस्वी मुनिराज की सोलह के कपड़ों में वैयावृत्त्य कर असीम पुण्य का संचय करे
भवो भवो के संचित पुण्य से ऐसे अवसर आते हैं
सभी युवा सदस्य इसमें अपने अपने समय अनुसार सहभागिता प्रदान कर असीम पुण्य का संचय करे। ऐसे अवसर बहुत महान पुण्य कर्म के उदय से प्राप्त होते है।
बैर पाप अभियान छोड़ने का मुनि सविज्ञसागर उद्बोधन बताया
इस संसार के प्राणी को अपना जीवन को संवारने है तो बैर पाप अभियान को छोड़कर नित्य नए मंगल गीत गाना होगा क्योंकि जीवन का मंगलाचरण इन तीनों बुराइयों को छोड़ने के बाद ही हो सकता है
तीनों एक से बढ़कर एक है बैर से बढ़कर पाप से बढ़कर अभियान इसलिए तुलसीदास जी ने कहा है कि पाप मूल अभिमान पाप की जड़ अभियान ही तो है पाप पेड़ कट भी जाए और अभियान की जड़ नौकड़े तब पेड़ वापस हर हो जाएगा इसलिए बैर और पाप का मूल अभिमान जड़ मूल से नष्ट करना ही पड़ेगा अपने जीवन को मंगलमय बनाने के लिए मुनि ने बताया इन तीनों को को छोड़ने पर ही जीवन मंगलमय होगा
दूर-दूर गांव से तपस्या मुनिराज की तप साधना में अनेक भक्तों दर्शनार्थ नैनवा पहुंच रहे हैं
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी

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