जैन धर्म के जयकारों के साथ आचार्य विनीत सागर का हुआ कामवन में मंगल प्रवेश

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जैन धर्म के जयकारों के साथ आचार्य विनीत सागर का हुआ कामवन में मंगल प्रवेश
दिगंबर जैन आचार्य विनीत सागर महाराज का ससंघ धर्मनगरी कामवन कामां में जम्बू स्वामी तपोस्थली बोलखेड़ा से पद विहार करते हुए मंगल आगमन हुआ तो जैन समाज कामां के अध्यक्ष अनिल जैन लहसरिया के नेतृत्व में पाद प्रक्षालन व आरती उतार कर अगवानी की गई।
जैन समाज के कोषाध्यक्ष मयंक जैन ने बताया कि शीतऋतु में पद विहार करते हुए आचार्य संघ का प्रवेश हुआ तो बेंड बाजो के साथ जुलूस के रूप में जयकारों का उदघोष करते हुए विजयमती त्यागी आश्रम तक प्रवेश कराया गया। इस अवसर पर आचार्य विनीत सागर ने कहा कि भक्त की सच्ची और अटूट श्रद्धा गुरु को शिष्य के करीब खींच लाती है, क्योंकि यह श्रद्धा ही शिष्य को गुरु के दिखाए मार्ग पर चलने, उनकी शिक्षाओं का पालन करने और स्वयं को पूरी तरह समर्पित करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे गुरु की कृपा बरसती है और शिष्य और गुरु एक हो जाते हैं, और शिष्य को आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है, यह आध्यात्मिक यात्रा का एक मूलभूत सिद्धांत है। इस अवसर पर युवा परिषद, धर्म जागृति संस्थान,महिला मंडल के पदाधिकारीयों व सदस्यों ने सहयोग प्रदान कर शीतकालीन वाचना हेतु अचार्य संघ का प्रवेश कराया। आचार्य संघ शीतकालीन वाचना हेतु विजयमती त्यागी आश्रम में विराजमान रहेंगे।

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