जैन दंपति सेमिनार दुख का कारण अपनी सोच

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जैन दंपति सेमिनार
दुख का कारण अपनी सोच
नैनवा 14 सितंबर रविवार 2025
शांति वीर जन्म स्थल पर दूसरे रोज जैन दंपति सेमिनार दोपहर 12:30 पर भगवान के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर सेमिनार का शुभारंभ हुआ
जैन मुनि प्रज्ञानसागर प्रसिद्ध सागर महाराज के सानिध्य में मुख्य वक्ता मथुरा वृंदावन से आई हेमलता शास्त्री का भव्य स्वागत सम्मान समिति द्वारा किया गया
मुख्य वक्ता वृंदावन से आई हेमलता ने दंपति सेमिनार में बताया कि पहली बार आपके नगर में आने का गुरु महाराज के सानिध्य में पहला अवसर मिला है उनको शत-शत नमन करते हुए
उन्होंने बताया कि अपने स्वभाव को बदलो सब अपने आप ही बदल जाएगा अपना स्वभाव ही ऐसा है जिसमें नाना प्रकार के विचार उत्पन्न होते रहते हैं उन विचारों पर सोच विचार कर अपने मुख से बोले
अच्छी सोच ही जीवन का शुभारंभ होती है
अपने मधुर वाणी के प्रभाव उसने अपने घर को स्वर्ग से सुंदर बना दिया जा सकता है
जब मनुष्य अपने आप को बदल लेता है उसका जीवन ही बदल जाता है अपने कर्म महान है
जिस प्रकार कमल कीचड़ में खिलता है कीचड़ कमल का कुछ भी नहीं बिगाड़ता कमल अपनी जगह रहता है कीचड़ अपनी जगह रहता है
सुख दुख एक दूसरे के पहलू है हमेशा हमें दुख में से सुख निकाल कर जीना है जीवन अपने आप में जीने का तरीका होना चाहिए
जीवन हम मनुष्य नहीं जीते बल्कि पशु पक्षी भी जीते हैं कोयल भंवरे चिड़िया मधुमक्खियां मोर नदियां
सब पक्षी पक्षी एक दूसरे से मिलनसार रहते हैं मोर अपनी मस्ती में नाचता है चिड़िया कुकू करती है कोयल चू चू करती है
इनसे हमें जीवन में शिक्षा लेना चाहिए कि हम इंसान होकर भी क्यों खुश नहीं है यह जानवर कितने खुश रहते हैं परिवार के बीच सास ससुर रहते हैं उनके आचरण को हम अपने जीवन में उतारे कितने बजे वह उठते हैं कितने बजे सोते हैं किस प्रकार गस्ती जीवन का कार्य करते हैं उन्हें जीवन में उतारने से हमें संस्कार प्राप्त होंगे
अपनी सोच को बदलने पर ही अपने आप की जीवन की सोच बदल जाएगी
उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि मेरी सभा में एक व्यक्ति आठ रोज आता था वह बहुत कुरु था
सभा में आकर कथा सुनने का इतना प्रभाव पड़ा कि उसने अपने घर को स्वर्ग से सुंदर बना लिया यह होती अपनी एक सोच
उन्होंने यह भी बताया कि छोटे-छोटे नन्हे मुन्ने बालकों को आप अभी से अपने घर पर अच्छी-अच्छी बातें बताएं धर्म के संस्कारों से उन्हें जोड़ें साधु संतों के आने पर उन्हें उनके दर्शन अपने साथ लेकर जाने
तभी वह बालक धर्म को साधुओं को बारे में सोच समझ पाएंगे यह संस्कार आपको देने होंगे आपका घर स्वर्ग से सुंदर बन जाएगा
जैन सेमिनार में सभी दंपतियों को सेमिनार की बताई बातों से बहुत कुछ ज्ञान प्राप्त हुआ
सेमिनार का संचालन सुधा जैन विदिशा द्वारा किया गया

आयोजन दिगंबर जैन 20 पथ समाज नैनवा द्वारा
महावीर कुमार सरावगी
चातुर्मास प्रचार मंत्री

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