जैन आचार्य वसुनंदी जी महाराज ससंघ का तपती धूप में नित्य हो रहा 25 से 30 km पद विहार
आहार दान से मिलता चारों प्रकार के दान का पुण्य – आचार्य वसुनन्दी
फागी संवाददाता
जयपुर – 06/05/25 प्राकृत भाषा चक्रवर्ती आचार्य श्री १०८ वसुनंदी मुनिराज का संघ सहित जिन शासन क्षेत्र अजमेर से तीर्थ क्षेत्र हस्तिनापुर के लिए चल रहे करीब 700 km लम्बे पद विहार में मंगलवार को प्रात: गाजे बाजे के साथ कमला नेहरू नगर स्थित पार्श्वनाथ जैन मंदिर में भव्य जुलूस के साथ जय कारों के द्वारा भव्य मंगल प्रवेश हुआ कार्यक्रम में रास्ते में जगह जगह श्रावकों द्वारा पाद प्रक्षालन व आरती की गयी , मंदिर जी पर महिलाओं द्वारा सिर पर मंगल कलश लिए स्वागत किया गया तथा मंदिर समिति के अध्यक्ष विजय काला आदि ने पाद प्रक्षालन किया । धर्मजागृति संस्थान प्रान्त राजस्थान के कोषाध्यक्ष पंकज लुहाड़िया व राकेश माधोराजपुरा ने बताया कि मंदिर पहुंच कर जुलूस ने धर्म सभा का रूप ले लिया,धर्म जागृति संस्थान के प्रान्तीय अध्यक्ष पदम जैन बिलाला व मन्त्री जीतू गंगवाल ने सभी का शाब्दिक स्वागत करते हुए कमला नेहरू समाज के सौभाग्य को सराहा जहाँ आज इतने बड़े संघ का आगमन हुआ है । इधर मंगलाचरण के बाद आचार्य वसुनंदी जी ने अपने मंगलमय आशीर्वचन में श्रृद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि पूजा से पुण्य की वृद्धि होती है वही दान से दुर्गति का नाश होता है ,दान में आहार दान का विशेष महत्व बताते हुए कहा की आहार दान से चारो प्रकार के दान का पुण्य लाभ मिलता है ,आचार्य श्री ने धर्म जागृति संस्थान के पदमपुरा में आयोजित 73 समवशरण महाअर्चना का विशेष उल्लेख करते हुए उपस्थित समाज व उनके परिजनों को बहुत बहुत आशीर्वाद दिया ।संघ का इस तपती गर्मी में भी नित्य 25 से 30 किलोमीटर पद विहार निरंतर चल रहा है उक्त सभा का समापन जिनवाणी की स्तुति के साथ हुआ ।
राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान