आचार्य 108 सुनील सागर जी महाराज
स्वर्णिम अनुपम भव्यता से युक्त हो गया भव्य मंगल प्रवेश मदनगंज किशनगढ़ में, आचार्य सुनील सागर जी महाराज के विशाल संघ के दर्शन अभूतपूर्व पुण्य के उदय से प्राप्त हो गए किशनगढ़ समाज को ,
जिनकी धारा में संपूर्ण किशनगढ़ एक साथ चलता है जिनकी एक निर्देश पर संपूर्ण समाज एकत्रित हो जाता है ऐसे समाज के मार्गदर्शक परम गुरु भक्त श्री अशोक जी पाटनी ने अपनी अपार गुरु भक्ति को मंच पर प्रकट करते समय कह दिया कि हे…. गुरुदेव किशनगढ़ वालों का मन ऐसे भरने वाला नहीं है ग्रीष्मकालीन के साथ चातुर्मास और चातुर्मास के साथ शीतकालीन वाचना भी हमको चाहिए संपूर्ण समाज ने जोरदार जयकारे के साथ श्री अशोक जी पाटनी की बात पर मोहर लगा दी
भव्यता का यह मंगल प्रवेश किशनगढ़ में ही देखने को मिल सकता है ,जहां पर प्रत्येक महिला मंडल अपनी ड्रेस कोड पुरुष मंडल सफेद कुर्ता पजामा पहनकर केसरिया ध्वज लेकर जय जय सुनील सागर गुरुदेव के नारे लगा रहा था
जाजम एक समाज एक ऐसी भव्यता का उदाहरण किशनगढ़ की धरती पर देखने को मिला जहां आचार्य गुरुदेव का कमंडल पकड़ कर स्वयं श्री अशोक जी पाटनी साथ चले और पंचायत के अध्यक्ष श्री विनोद पाटनी एवं प्रकाश चंद गंगवाल के नेतृत्व में संपूर्ण किशनगढ़ समाज आचार्य गुरुदेव की अगवानी कर रहा था बहुत सुंदर लगता है देखकर ऐसे सामाजिक नेतृत्व को जो समाज को सदैव एक पृष्ठभूमि पर लाकर खड़ा कर देते हैं
हाथी ऊंट घोड़ा बग्गी बैंड ढोल तो हम कीमत देकर भी आयोजन का हिस्सा बना सकते हैं लेकिन जनता और जनार्दन को इस भीषण गर्मी में पैदल साथ लाना निश्चित रूप से सार्थक गुरु भक्ति का ही परिणाम है जो आज किशनगढ़ में देखने को मिला धन्य है सभी समाज बंधु एवं आयोजक
जगह-जगह पाद पक्षालन के माध्यम से श्रावक वर्षों से गुरुदेव सुनील सागर जी महाराज के आगमन की प्रतीक्षा को समाप्त होता देख उत्साहित नजर आ रहे थे छोटे से छोटा बच्चा आचार्य गुरुदेव के दर्शन कर जय जय कर रहा था निश्चित रूप से विशुद्ध गुरु भक्ति का, विशुद्ध मुनि भक्ति का साक्षात उदाहरण देखने को मिलता है किशनगढ़ धर्मनगरी में ,जो आज देखने को मिला
जहां धर्म की गहरी जड़ है उस पावन धरा का नाम किशनगढ़ है
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आचार्य 108 सुनील सागर जी महाराज
स्वर्णिम अनुपम भव्यता से युक्त हो गया भव्य मंगल प्रवेश मदनगंज किशनगढ़ में, आचार्य सुनील सागर जी महाराज के विशाल संघ के दर्शन अभूतपूर्व पुण्य के उदय से प्राप्त हो गए किशनगढ़ समाज को ,
जिनकी धारा में संपूर्ण किशनगढ़ एक साथ चलता है जिनकी एक निर्देश पर संपूर्ण समाज एकत्रित हो जाता है ऐसे समाज के मार्गदर्शक परम गुरु भक्त श्री अशोक जी पाटनी ने अपनी अपार गुरु भक्ति को मंच पर प्रकट करते समय कह दिया कि हे…. गुरुदेव किशनगढ़ वालों का मन ऐसे भरने वाला नहीं है ग्रीष्मकालीन के साथ चातुर्मास और चातुर्मास के साथ शीतकालीन वाचना भी हमको चाहिए संपूर्ण समाज ने जोरदार जयकारे के साथ श्री अशोक जी पाटनी की बात पर मोहर लगा दी
भव्यता का यह मंगल प्रवेश किशनगढ़ में ही देखने को मिल सकता है ,जहां पर प्रत्येक महिला मंडल अपनी ड्रेस कोड पुरुष मंडल सफेद कुर्ता पजामा पहनकर केसरिया ध्वज लेकर जय जय सुनील सागर गुरुदेव के नारे लगा रहा था
जाजम एक समाज एक ऐसी भव्यता का उदाहरण किशनगढ़ की धरती पर देखने को मिला जहां आचार्य गुरुदेव का कमंडल पकड़ कर स्वयं श्री अशोक जी पाटनी साथ चले और पंचायत के अध्यक्ष श्री विनोद पाटनी एवं प्रकाश चंद गंगवाल के नेतृत्व में संपूर्ण किशनगढ़ समाज आचार्य गुरुदेव की अगवानी कर रहा था बहुत सुंदर लगता है देखकर ऐसे सामाजिक नेतृत्व को जो समाज को सदैव एक पृष्ठभूमि पर लाकर खड़ा कर देते हैं
हाथी ऊंट घोड़ा बग्गी बैंड ढोल तो हम कीमत देकर भी आयोजन का हिस्सा बना सकते हैं लेकिन जनता और जनार्दन को इस भीषण गर्मी में पैदल साथ लाना निश्चित रूप से सार्थक गुरु भक्ति का ही परिणाम है जो आज किशनगढ़ में देखने को मिला धन्य है सभी समाज बंधु एवं आयोजक
जगह-जगह पाद पक्षालन के माध्यम से श्रावक वर्षों से गुरुदेव सुनील सागर जी महाराज के आगमन की प्रतीक्षा को समाप्त होता देख उत्साहित नजर आ रहे थे छोटे से छोटा बच्चा आचार्य गुरुदेव के दर्शन कर जय जय कर रहा था निश्चित रूप से विशुद्ध गुरु भक्ति का, विशुद्ध मुनि भक्ति का साक्षात उदाहरण देखने को मिलता है किशनगढ़ धर्मनगरी में ,जो आज देखने को मिला
आचार्य गुरुदेव सुनील सागर जी महाराज ने कहा कि सच्चा श्रावक वही है जो धर्म को सत्यता के पथ पर चलाने का काम करें दिखाने के लिए नहीं, धर्म संस्कृति को सुरक्षित रखना फर्ज है हमारा, आचार्य गुरुदेव ने ढाई दिन के झोपड़े का भी जिक्र किया अजमेर में हुए 14 दिन में 14 ऐतिहासिक कार्यक्रमों को भी याद किया और संपूर्ण समाज को अपना आशीर्वाद प्रदान किया
आचार्य गुरुदेव ने कहा कि जिस पावन धरा पर आचार्य धर्म सागर, आचार्य विद्यासागर ,आचार्य वर्धमान सागर, आचार्य सन्मति सागर ,जैसे संतों ने चातुर्मास किए हैं वह धरा तीर्थ से कम नहीं है
आचार्य गुरुदेव ने कहा कि जिस धरती पर भगवान बाहुबली को प्रथम कलश करने वाला व्यक्ति रहता हो जिस धरती पर एक ऐसा व्यक्तित्व हो जो संपूर्ण समाज का परिचय विश्व पटल पर करवा दे प्रशंसनीय है ऐसी गुरु भक्ति समर्पण
संपूर्ण किशनगढ़ नगर आज आचार्य सुनील सागर जी महाराज के रंग में रंग गया ,आनंद की अनुभूति हुई है किशनगढ़ समाज को अब अभूतपूर्व धर्म प्रभावना के माध्यम से एक नई धार्मिक क्रांति का सूत्रपात धर्म नगरी किशनगढ़ में होगा ऐसी मंगल भावना प्रकट करते हैं
संपूर्ण किशनगढ़ जैन समाज को एक बार और बधाई आज गुरुदेव सुनील सागर जी महाराज के विशाल संघ के महा भव्य मंगल प्रवेश की
Shekhar Chand Patni