जगत का कल्याण जिनवाणी को पढ़ने से प्राप्त होता है

0
36

5 सितंबर शुक्रवार 2024
जैन मुनि श्रुतेशसागर जी
महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया भगवान के जिनालय में भेदभाव नहीं होता ईश्वर के दर्शन अमीर गरीब को करने से मन की शांति प्राप्त होती है
रात्रि भोजन न करने का मुनि ने बताया की रात्रि भोजन करने से छोटे-छोटे जीवन की उत्पत्ति अधिक होती है और भोजन के साथ में मुंह में चले जाने से उनके पाप का दोष लगता है इस कारण से असंख्यात बीमारी उत्पन्न होती है इसलिए रात्रि में भोजन नहीं चाहिए
मुनि अपनी धर्म साधना के लिए आहार ग्रहण करते हैं यह धर्म है मनुष्य के लिए जीवित रहने के लिए भोजन बहुत जरूरी है शुद्ध भोजन और शुद्ध पानी पीने से अनेक बीमारियों से मनुष्य बचता है अपने शरीर को स्वच्छ रखने पर ही धर्म की साधना मनुष्य कर सकता है

पांच इंद्रियों से विषय भोग होता है
छुल्लक सुप्रकाश सागर जी महाराज ने बताया आज मनुष्य अपनी इंद्रियों के वशीभूत ही नाना प्रकार के पापों से जूझ रहा है अपने इंद्रियों को संयम रखने के लिए उन पर अपना कंट्रोल करना होगा और भोगों को रोकने पर ही मोक्ष की प्राप्ति होगी
पांचो इंद्रिय ही भोग में एक इंद्री से बढ़कर दूसरी इंद्री है
चक्षु इंद्री आंखों से देखने में बहुत कुछ हो जाता है अपनी आंखों पर सदैव ही सकारात्मक भावना बनी रहे सभी इंद्रियों का उदाहरण देते हुए उन्होंने बहुत समझाया

संसार में इधर से उधर भटकने का कारण ही भोगों की लालसा है इन्हें शांत करने पर ही शांति प्राप्त होगी अनावश्यक कार्यों को रोकना ही अच्छा
इंद्रियों पर मनुष्य को सदा ही संयम से रहना चाहिए
आज भक्तामर के पुनार्जन नाथू लाल जी कमल कुमार जी नरेश कुमार जैन मोडीका का परिवार द्वारा
समिति द्वारा परिवार जनों का सम्मान किया गया
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता महावीर कुमार जैन सरावगी

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here