जब सहन करने की शक्ति खत्म हो जाती है.

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तब मन का संकल्प और आत्म संयम ही काम आता है..!         अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी        औरंगाबाद  उदगाव नरेंद्र /पियूष जैन भारत गौरव साधना महोदधि    सिंहनिष्कड़ित व्रत कर्ता अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर जी महाराज एवं सौम्यमूर्ति उपाध्याय 108 श्री पीयूष सागर जी महाराज ससंघ का महाराष्ट्र के ऊदगाव मे 2023 का ऐतिहासिक चौमासा   चल रहा है इस दौरान  भक्त को  प्रवचन  कहाँ की
जीवन के हर क्षेत्र में मन का संकल्प और आत्म संयम ही काम आता है। कोई भी व्यक्ति जन्म से मानसिक रूप से मजबूत नहीं होता,, बल्कि बढ़ती उम्र के साथ धीरे धीरे मानसिक दृढ़ता बढ़ने लगती है। मानसिक दृढ़ता के लिये धैर्य की बहुत आवश्यकता पड़ती है।
यदि हम कठिन समय में अपने-आप को सहनशील बना लेते हैं तो हर संकल्प सहजता से निभ जाता है,, उसके लिए दो बातें है – एक मन की दृढ़ता और दूसरा आत्म संयम। मन की दृढ़ता और आत्म संयम दोनों के अलग अलग कार्य है। मन की दृढ़ता उस तराजू की तरह है जो क्षण क्षण में इधर-उधर डोलता है,, लेकिन आत्म संयम उसे बांध कर रखता है। मन कमजोर हो सकता है,, लेकिन आत्म संयम कभी मन को भटकने नहीं देता। मन के संकल्प में आत्म संयम का बहुत बड़ा रोल है,, जो कभी पराजित नहीं होने देता। इसलिए जीवन के हर क्षेत्र में मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है। यदि आप ऐसा कर लेते हैं तो आपका मन यह जानकर शान्त रहेगा कि मेरे साथ आत्म संयम है। आत्म संयम हर स्थिति परिस्थिति में अपना सन्तुलन बिगड़ने नहीं देगा।क्योंकि जब आप मानसिक रूप से दृढ़ होते हैं तो आप अपनी भावनाओं को बेहतर ढंग से नियन्त्रित करने में सक्षम हो जाते हैं।
जीवन में चुनौतियों और मुश्किलों का सामना करने के लिए मन की दृढ़ता और आत्म संयम का होना बेहद ज़रूरी है। हमने अपने छोटे बड़े व्रतों की तप साधना और अखण्ड मौन के एकान्त वास में मन के संकल्प और आत्म संयम को मजबूत रखा। अन्यथः हमारी परीक्षाएं तो बहुत हुई परन्तु मन के संकल्प और आत्म संयम ने हमको डिगने नहीं दिया। हमारे छोटे बड़े व्रतों की तप साधना की सफलता हम अपने गुरू कृपा, मौन साधना और संघ को देते हैं।
अभी जो हमने बसन्त भद्र व्रत किया, यह व्रत 40 दिन का है जिसमें कुल 35 उपवास और 05 पारणा है।व्रत की श्रृंखला इस प्रकार है —
 5 उपवास 1 पारणा, 6 उपवास 1 पारणा, 7 उपवास 1 पारणा, 8 उपवास 1 पारणा, 9 उपवास 1 पारणा। यह व्रत तप बल को बढ़ाने में कारण है।
इसके बाद हम वज्र मध्य व्रत शुरू करेंगे। यह व्रत 38 दिन का होगा जिसमें 29 उपवास और 09 पारणा शामिल है। व्रतों की श्रृंखला इस प्रकार रहेगी —
 1 उपवास 1 पारणा, 2 उपवास 1 पारणा, 3 उपवास 1 पारणा, 4 उपवास 1 पारणा, 5 उपवास 1 पारणा और फिर नीचे 1 उपवास तक वापस आयेंगे…!!! नरेंद्र/पियूष जैन

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